नालंदा के नए जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने पदभार ग्रहण कर लिया है। नालंदा का चार्ज संभालते ही डीएम साहब एक्शन में आ गए। डीएम साहब के काम करने का स्टाइल देखकर बाबू से लेकर अफसर तक भौंचक हैं।
सदर अस्पताल का किया औचक निरीक्षण
IAS योगेंद्र सिंह ने पदभार ग्रहण करने के बाद सीधा नालंदा के सदर अस्पताल जा पहुंचे। डीएम साहब के साथ नालंदा के पुलिस कप्तान सुधीर कुमार पोरिका और बिहारशरीफ के नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल भी थे।
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अस्पताल में कुव्यवस्था देखकर नाराज हुए डीएम
सदर अस्पताल पहुंचते ही डीएम साहब का पारा सांतवें आसमान पर पहुंच गया। शहर के सबसे बड़े अस्पताल की कुव्यवस्था देखकर भड़क उठे। कुव्यवस्था देखकर अनायस उनके मुंह से निकल पड़ा कि इस प्रकार की कुव्यवस्था उन्होंने अपने जीवन में किसी अस्पताल में नहीं देखा है। निरीक्षण के दौरान सिर्फ दो ही डॉक्टर अस्पताल में मौजूद थे। नर्सें गप्पें हांक रही थी। वार्ड में बेड पर बिछी चादर देख अस्पताल प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि अब अस्पताल में इस प्रकार की गंदगी बर्दास्त नहीं की जाएगी।
डीएम साहब ने हाजिरी रजिस्टर मंगवाया
बिना सूचना के सिविल सर्जन समेत आधा दर्जन अस्पतालकर्मी गायब थे। डीएम साहब ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सिविल सर्जन समेत गायब कर्मचारियों का वेतन रोक दिया साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया। डीएम साहब ने जब हाजिरी रजिस्टर मांगा तो अस्पताल में मौजूद लोग आनाकानी करते दिखे।जिससे डीएम योगेंद्र सिंह नाराज हो गए। जिलाधिकारी महोदय ने अस्पताल प्रबंधक अनुराग कुमार, एकांउटेंट सुरजीत कुमार की वेतन निकासी पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण पूछा है। वहीं अनाधिकृत रूप से अनुपस्थिति सीएस की वेतन निकासी पर रोक लगाते हुए शोकॉज मांगा है।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को भी नोटिस
नालंदा जिला में मिजल्स और रूबैला टीकाकरण अभियान में प्रगति असंतोषजनक दिखने पर वो नाराज हो गए। उन्होंने जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजेन्द्र चौधरी से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही गुरुवार को सभी पार्टनर एजेंसी के साथ अद्यतन प्रगति प्रतिवेदन के साथ समहरणालय में उपस्थित होने को कहा है।
डीपीएम पर भी गिरी गाज
एनएसी रजिस्टर रजिस्ट अपडेट नहीं रहने के कारण एएनएम नीशा कुमारी से शो-कॉज किया गया। डीएम की उपस्थिति में कक्ष सेवक रंजीत कुमार द्वारा डीएम के सामने ही मौके पर हाजिरी बनाते देख वे हत्थे से उखड़ गए और शोकॉज का निर्देश दिया। जननी बाल सुरक्षा योजना में 20 से अधिक लाभुकों का भुगतान लंबित पाए जाने पर डीएम ने डीपीएम ज्ञानेन्द्र शेखर से स्पष्टीकरण पूछते हुए वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया।