चप्पल,टीशर्ट और खून के धब्बे ने उलझाई राकेश के गायब होने गुत्थी

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जेडीयू छात्र नेता राकेश कुमार के गायब होने की गुत्थी उलझती जा रही है। राकेश कुमार के गायब हुए 6 दिन बीत गए हैं लेकिन अबतक कोई सुराग नहीं मिला है । शनिवार को राकेश की तलाश में पुलिस कप्तान सुधीर कुमार पोरिका के नेतृत्व में पुलिस टीम हरनौत थाना के डिहरा गांव पहुंची। पुलिस अपने साथ डॉग स्क्वॉयड और फॉरेंसिक की टीम लेकर गई थी। पुलिस सबसे पहले दीपक कुमार के घर गई जहां राकेश को आखिरी बार देखा गया था। डॉग स्क्वॉयड सबूत जुटाने में जुट गई। डॉग स्क्वॉयड की टीम डिहरा गांव के एक कुएं के पास जा पहुंची । डॉग स्क्वॉयड कुएं के पास पहुंची थी लिहाजा पुलिस की टीम कुएं में झांकने लगी। पुलिस को कुछ दिखाई नहीं दिया। लेकिन एसपी साहब खुद इस केस की पड़ताल कर रहे हैं । उन्होंने गांव से ही झगड़ (कुएं से सामान निकालने वाला) लाकर कुएं में डाला गया । जिसमें से एक चप्पल निकला। जो राकेश का था। फिर पुलिस कुएं की तलाश में जुट गई। झगड़ को दोबारा फिर से डाला गया तो एक टी-शर्ट निकला। वो टीशर्ट दिवाकर का निकली। दिवाकर भी राकेश के साथ लापता है। इसके बाद पुलिस की टीम फिर उसी दीपक के घर गई। जहां राकेश को आखिरी बार देखा गया था। यहां से फॉरेंसिक की टीम को दीवार पर कुछ खून के धब्बे दिखे। जिसे फॉरेंसिक एक्सपर्ट अपने साथ लेकर जांच के लिए भेज दिया।

सवालों के घेरे में पुलिस की भूमिका
राकेश के परिजन की बेचैनी बढ़ रही है। पिता अवधेश प्रसाद सिन्हा ने थानाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने बेटे की हत्या की आशंका जाहिर की है। उन्हें यह आशंका है कि हत्या कर साक्ष्य छुपाने के लिए शव को गायब कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि गायब होने के थोड़ी देर बाद ही पुलिस को सूचना दी गयी थी, पर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। जो भी हुआ है डिहरा गांव स्थित दीपक के घर में हुआ है। पुलिस ने दीपक को पकड़ा था। परिजन को बुलाकर डिहरा गांव ले गयी थी। वहां उन्होंने आशंका जताते हुये एक बंद कमरे का दरवाजा खुलवाने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं मानी और वापस लौट गयी। रात को ही दीपक को छोड़ दिया गया। बाद में आरोपी ने कमरे की रंगाई-पुताई कर साक्ष्य मिटा दिए।गांववालों के मुताबिक बुधवार की आधी रात को डिहरा गांव में एक बोलेरो गाड़ी दिखा था। जिससे शक और गहरा गया
गायब होते जा रहे हैं सभी आरोपी
इस मामले के सभी आरोपी एक-एक कर गायब होते जा रहे हैं। मनीष तो राकेश के साथ से ही गायब है। परिजन ने मनीष के भाई से पूछताछ की तो वो भी गायब हो गया। इधर, पुलिस ने जैसे ही दीपक को छोड़ा, वो भी गायब हो गया। इनका मोबाइल भी बंद है।
क्या है मामला
29 मई को हरनौत के खरुआरा के रहने वाले राकेश ने पीएनबी से रुपये निकालकर घर आये थे। थोड़ी देर बाद हरनौत बाजार के रहने वाले मनीष बुलाने आया और दोनों बाइक से डीहरा गांव पहुंचे। कुछ देर बाद खरुआरा के रहने वाले दिवाकर के भी डिहरा गांव जाने की है। इसके बाद से दिवाकर तो लौट गया, पर राकेश और मनीष का पता नहीं चला। पुलिस ने डिहरा गांव के रहने वाले दीपक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। बाद में उसे छोड़ दिया। वो हरनौत के रेल कोच फैक्ट्री का कर्मचारी है।
मिला है खून, बरामद चप्पल राकेश
हरनौत के थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि बरामद चप्पल राकेश की है। वहीं दीपक के घर के एक कमरे से खून मिला है। एफएसएल की टीम ने उसका सैंपल लिया है। मामले की छानबीन चल रही है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
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