संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा 2018 का रिजल्ट जारी हो गया है. इस बार कनिष्क कटारिया ने टॉप किया है. वहीं, पांचवी रैंक हासिल करने वाले सृष्टि जयंत देशमुख महिलाओं की टॉपर हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा की रहने वाली नम्रता जैन को 12वीं रैंक मिली है.
कौन हैं कनिष्क कटारिया
कनिष्क कटारिया राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं। कनिष्क नेआईआईटी बांबे से बीटेक किया है. वो एससी कटेगरी में आते हैं. खास बात ये है कि कनिष्क ने प्रथम प्रयास में ही टॉप किया है।
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पहले ही प्रयास में टॉप किया
मीडिया से बात करते हुए कनिष्क ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वो परीक्षा में टॉप करेंगे. उन्होंने कहा कि पेपर और इंटरव्यू अच्छे हुए थे और यह मेरा पहला प्रयास था लेकिन टॉप करूंगा ये उम्मीद नहीं थी.
कोचिंग के बारे में क्या है कहना
कनिष्क से जब पूछा गया कि क्या आपने परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग ली थी, इसके जवाब में कनिष्क ने कहा कि उन्होंने 7-8 महीनों के लिए दिल्ली में कोचिंग की थी. तैयारी से पहले मैंने साढ़े तीन साल तक नौकरी की थी और परीक्षा का कोई आइडिया नहीं था, इसलिए कोचिंग करना पड़ा
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कोचिंग से क्या फायदा हुआ
आईएएस टॉपर कनिष्क कटारिया का कहना है कि कोचिंग की मदद से उन्हें बेसिक नॉलेज हासिल की. उसके बाद पिछले साल मार्च से लेकर परीक्षा तक घर पर सेल्फ स्टडी की थी। कनिष्क ने इस सफलता के लिए मेंस परीक्षा के पहले 8 से 10 घंटे और परीक्षा के नजदीक आने पर 15 घंटे तक की पढ़ाई की थी.
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दक्षिण कोरिया में की थी नौकरी
कनिष्क ने कहा कि वो पहले अपनी जिंदगी जीने की कोशिश की. आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट होने के बाद तीन साल नौकरी की. इस दौरान उन्होंने अपनी सोच बदलनी शुरू की. शांत स्वभाव और आम युवाओं की तरह शौक रखने वाले कनिष्क ने आईआईटी से पढ़ाई के बाद दक्षिण कोरिया में डेढ़ साल तक काम किया. वहां की जिंदगी ने उन्हें देश की व्यवस्था बदलने की प्रेरणा दी. कनिष्क ने कहा कि दक्षिण कोरिया में डेढ़ साल तक काम किया था. उसके बाद एक साल बेंगलुरू में था. जब वो विदेश में थे तब भारत के जिंदगी को वहां की ज़िंदगी से तुलना कर रहा था, तब मुझे लगा कि भारत में सिस्टम को बदलने के लिए वहां से सिस्टम में घुसना जरूरी है.
Kanishak Kataria, AIR 1 in #UPSC final exam: It's a very surprising moment. I never expected to get the 1st rank. I thank my parents, sister & my girlfriend for the help & moral support. People will expect me to be a good administrator & that's exactly my intention. #Rajasthan pic.twitter.com/IBwhW8TJUs
— ANI (@ANI) April 5, 2019
पापा चाहते थे कि सिविल सेवा में आएं
कनिष्क का कहना है कि उनके पिता सिविल सेवा में ही हैं और उनका मन भी था कि वो भी सिविल सेवा में ही आएं, लेकिन वो बहुत श्योर नहीं थे कि मैं करूंगा ही. लेकिन पिताजी की वजह से मुझे थोड़ी जानकारी थी कि प्रशासनिक काम कैसे होता है.
कोई रॉकेट साइंस फॉर्मूले से नहीं की थी तैयारी
कनिष्क ने बताया कि इसी प्रोफाइल से परीक्षा पास करने वाले कुछ सीनियर से उन्होंने मदद ली थी और एक रणनीति से तहत तैयारी की थी. उनका कहना है कि सीनियर ने उनकी मदद की और उनसे उनकी रणनीति पूछी और उसमें अपने हिसाब से थोड़ा बदलाव कर तैयारी की. यह कोई रॉकेट साइंस नहीं था.
कनिष्क की हॉबी क्या है
कनिष्क ने कहा कि उन्हें क्रिकेट और फुटबॉल देखना काफी पसंद है. सचिन तेंडुलकर, विराट कोहली उनके फेवरेट क्रिकेटर हैं. क्रिकेट का शौक रखने वाले कनिष्क के फिल्में देखना बहुत पसंद नहीं है
सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर ने 2010 में आईआईटी जेईई परीक्षा में 44वां रैंक हासिल किया था. इसके अलावा 10वीं और 12वीं में भी उन्होंने 90 फीसदी से ज़्यादा अंक हासिल किए थे.