अयोध्या में राम मंदिर से पहले बिहार में सीता माता का मंदिर बनेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीता माता की जन्मस्थली सीतामढ़ी इसका ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि ये मंदिर देश का सबसे बड़ा मंदिर होगा . इससे पहले मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव मंगलवार को सीतामढ़ी पहुंचे। जहां सीएम नीतीश कुमार ने सीता मंदिर के जीर्णोद्धार की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री सीता मंदिर प्रांगण में पहले पौधे लगाए उसके बाद सीता माता के दरबार पहुंचे और आशीर्वाद लिया। इस दौरान सीएम और डिप्टी सीएम रामकथा भी सुनी।
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कैसा होगा सीता मंदिर का स्वरुप जानिए
सीता मंदिर के निर्माण के लिए बिहार सरकार ने 20 एकड़ जमीन दी है। जहां एक विशाल मंदिर के साथ भव्य मंदिर परिसर बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि 100 करोड़ की लागत से इस मंदिर परिसर का निर्माण होगा। जिसके लिए राज्य सरकार ने 48 करोड़ 50 लाख रुपये जारी कर दिया है। सीतामढ़ी के विकास में प्रख्यात धर्मगुरु रामभद्राचार्य भी मदद कर रहे हैं। रामभद्राचार्य जन्मांध हैं लेकिन रामायण के मर्मज्ञ हैं। उन्होंने 100 से अधिक किताबें लिखी हैं।
क्या है नीतीश का मास्टरस्ट्रोक
आपको बता दें कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का मसला सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में राम मंदिर से पहले सीता मंदिर बनवाकर नीतीश कुमार ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक चला है । यानि बीजेपी नीतीश कुमार पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप नहीं लगा सकती है। साथ ही साथ नीतीश कुमार दुनिया को ये बता सकते हैं कि जिस बीजेपी ने राम के नाम पर वोट मांगे उससे पहले उन्होंने माता सीता का मंदिर बनवा दिया।
कहां-कहां हैं सीता माता के मंदिर जानिए
मान्यता है कि माता सीता का जन्म सीतामढ़ी में हुआ था । जब राजा जनक ने हल चलाया था तब सीता माता भक्तों के सामने प्रकट हुईं थी। उन्हीं के नाम पर सीतामढ़ी का नाम भी पड़ा । आपको बता दें कि दुनियाभर में माता सीता की तीन मंदिरें हैं। पहला मंदिर नेपाल के जनकपुर में है । जो भगवान श्रीराम की ससुराल है । दूसरा मंदिर श्रीलंका के कोलंबा से 175 किमी दूर नुआरा एलिया में है जो सीता अम्मा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और तीसरा मंदिर बिहार के सीतामढ़ी में है जहां उन्होंने जन्म लिया।