नालंदा में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने को लेकर उच्च विद्यालय धरहरा में किसानों से विचार विमर्श का आयोजन किया गया था। बैठक अनुमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में होना था। जैसे ही किसानों को जमीन अधिग्रहण का भनक लगी वे भड़क गये। विरोध जताते हुए ग्रामीणों ने कहा कि जान दे देंगे पर जमीन नहीं देंगे। किसानों के उग्ररूप को देख अधिकारी लौट गये। इसी दौरान कुछ लोगों ने सिलाव के अंचलाधिकारी पर रोड़ेबाजी कर दी, जिससे उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। किसानों ने बताया कि जमीन जाने के बाद उनका परिवार भुखे मरने के कगार पर आ जायेगा। इन खेतों में तीन फसल का उत्पादन होता है। इतना ही नहीं इन खेतों में साल में तीन फसल होती है लेकिन कर्मचारियों ने इसका आकलन सौ साल पहले हुए सर्वे के अनुसार एक फसल का लगाया है।
क्या है मामला
नालंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए 15 सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें कुल, भदारी, सब्बैत एवं मनियामा मौजा के किसानों का जमीन है। अधिग्रहण के बाद खारपर, सुंदर विगहा, रघुविगहा, नियामत नगर, कुल, भदारी एवं मनियामा गांव के पांच हजार परिवार बेघर हो जायेंगे।