राजगीर थाना इलाके में डबल मर्डर से सनसनी फैल गई। मामला धरमपुरा गांव की है। जहां बदमाशों ने चाचा भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी।
क्या है पूरा मामला
दीक्षा सिंह अपने भतीजे संजीव कुमार के साथ घर के पास बैठे हुए थे। उसी वक्त हथियारबंद बदमाश आ धमके और दोनों को गोलियों से भून डाला। गांव वालों को पहले लगा कि छठ के अर्घ्य को लेकर पटाखे छोड़े गए हैं। लेकिन लोगों को समझने में देर नहीं लगी। छठ का अर्घ्य दे रहे गांव वाले खंधे से गांव की ओर दौड़े तब तक बदमाश वारदात को अंजाम देकर फरार हो चुके थे और दोनों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। दीक्षा सिंह के परिजनों का आरोप है कि धरमपुरा गांव के ही रहने वाले विजय सिंह ने अपने समर्थकों के साथ दीक्षा सिंह और उनके भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी।
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23 साल पुराना बदला!
गांव वालों के मुताबिक 23 साल पहले दीक्षा सिंह ने छठ के दिन ही विजय सिंह के परिवार के तीन सदस्यों की गोलीमारकर हत्या कर दी। जिसमें दीक्षा सिंह को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। और दो साल पहले ही दीक्षा सिंह अपने आजीवन कारावास की सजा काट कर गांव आया था।
उधर, हत्या की सूचना मिलते ही राजगीर के डीएसपी सोमनाथ और थानाध्यक्ष धरमपुर गांव पहुंचे और दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दीक्षा सिंह के परिजनों ने विजय सिंह के परिजनों पर हत्या का आरोप लगाया है। जिसके बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में जुट गई।