पर्यटन नगरी राजगीर और उसके आसपास के गांवों के विकास के लिए राजगीर आयोजना प्राधिकार क्षेत्र का गठन किया गया है। राजगीर आयोजना क्षेत्र यानि राजगीर प्लानिंग एरिया के तहत राजगीर,गिरियक,कतरीसराय और बेन प्रखंड के 156 गांवों का विकास शहर के तौर पर किया जाएगा। इन गांवों के विकास के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है। ऐसे में राजगीर,सिलाव,गिरियक,कतरीसराय और बेन बाजार के अलावा इन प्रखंड के 156 गांवों में भी अब घर बनाने के लिए नक्शा बनवाने की जरूरत होगी। बुधवार को राजगीर आयोजना क्षेत्र की मीटिंग हुई। राजगीर प्लानिंग एरिया की बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने इन क्षेत्रों का विकास अंतरराष्ट्रीय शहर के तौर पर करने का आदेश दिया। बैठक में डीएम डॉ. त्यागराजन,नगर आयुक्त सौरव जोरवाल, नगर पंचायत राजगीर और सिलाव के अध्यक्ष के अलावा पटना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के अधिकारी और हुडको के अधिकारी शामिल हुए।
क्या है राजगीर आयोजना क्षेत्र
पर्यटन और तीर्थनगरी राजगीर का विकास मास्टर प्लान के तहत करने के लिए बिहार सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने राजगीर आयोजना क्षेत्र (जिसे राजगीर प्लानिंग एरिया भी कहते हैं) का गठन किया है। इसका कुल क्षेत्रफल 517 वर्ग किमी होगा। राजगीर प्लानिंग एरिया के तहत राजगीर,सिलाव,गिरियक,कतरीसराय और बेन प्रखंड के 38 ग्राम पंचायतों के तहत 156 गांवों को शामिल किया गया है।राजगीर आयोजना क्षेत्र के तहत शहरी इलाकों का क्षेत्रफल 72 वर्ग किमी और ग्रामीण इलाकों का कुल क्षेत्रफल 444 वर्ग किलोमीटर होगा। जबकि नालंदा महाविहार का कोर एरिया 81 हेक्टेयर का होगा।
15 सितंबर से नक्शा पास करवाना जरूरी
राजगीर आयोजना क्षेत्र यानि राजगीर,गिरियक,कतरीसराय और बेन प्रखंड के 156 गांवों में सितंबर के बाद घर बनाने के लिए अब आपको नक्शा पास करवाना होगा। नक्शा की स्वीकृति प्राधिकार से लेनी होगी। 15 सितम्बर के आसपास यह प्रक्रिया शुरू होगी। कमिश्नर आनंद किशोर ने अधिकारियों को ये सख्त निर्देश दिए हैं कि इस तरह की व्यवस्था बनाया जाए ताकि घर बनाने के इच्छुक लोगों को नक्शा पास कराने में कोई परेशानी न हो। पेयजल की दिक्कत को देखते हुए आयुक्त ने प्लान बना रही एजेंसी को पहाड़ों पर वृक्षारोपण, जलाच्छादन के लिए योजनाएं बनाने को कहा है।