बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले (Muzaffarpur Shelter Home Rape Case ) में दिल्ली की साकेत कोर्ट (Saket Court) ने फैसला सुना दिया है. इसमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया है, वहीं एक को आरोपमुक्त कर दिया गया है. बता दें कि इस मामले पर फैसला अब तक तीन बार टल चुका था, लेकिन आज कोर्ट ने अपना निर्णय दे दिया. ब्रजेश ठाकुर को रेप और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों के तहत दोषी पाया गया है.
Bihar's Muzaffarpur shelter home case: The court has listed the matter for argument on quantum of sentence on January 28 https://t.co/pVbhtj1vu6
— ANI (@ANI) January 20, 2020
फरवरी 2019 में दिल्ली ट्रांसफर किया गया था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम केस को 7 फरवरी 2019 को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था. इसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. लगभग सात महीने की सुनवाई के बाद 30 सितंबर में साकेत कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. बीते 14 जनवरी को साकेत कोर्ट ने सभी आरोपियों के जमानती न होने के कारण फैसला टाल दिया गया. इसके अलावा आरोपियों के वकील ने एक अर्जी भी कोर्ट में लगाई थी कि लड़कियों के बयान विश्वासनीय नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने कोर्ट में कहा था कि शेल्टर होम में लड़कियों का क़त्ल भी किया गया था.
तीन बार टल चुका था फैसला
बता दें कि इस मामले में विभिन्न कारणों से तीन बार फैसला टल चुका था. साकेत कोर्ट ने बृजेश ठाकुर समेत 20 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में आरोप तय किया था. सीबीआई ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बनाया था.सीबीआई का आरोप था कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है वह ब्रजेश ठाकुर का है. इसके अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण के अधिकारी भी मामले में आरोपी हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 7 फरवरी 2019 को मामला बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था और 23 फरवरी 2019 से ही मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी.