स्वास्थ्य सेवा में पिछड़ा नालंदा, रैंकिंग में पांच पायदान की गिरावट

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में स्वास्थ्य व्यवस्था में गिरावट आई है . ये बात हम नहीं कह रहे हैं . बल्कि स्वास्थ्य विभाग की ओऱ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है । जिसमें लापरवाही की बात मानी गई है ।

चौथे स्थान से गिरकर नौंवे स्थान पर पहुंचा
पहली बार स्वास्थ्य रैंकिंग में नालंदा चौथे स्थान पर था लेकिन दो माह से नौवें स्थान पर है। सिविल सर्जन की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान पांच पीएचसी की स्थिति काफी दयनीय पाई गई। इन केन्द्रों के सुधार के लिए संबंधित अधिकारियों को एक माह का समय दिया गया है। सुधार नहीं आने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। सीएस डॉ. राम सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। समस-समय पर सभी स्वास्थ्य केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है और कमी पाए जाने पर कार्रवाई की जा रही है।

सुधार नहीं लाने पर गिर सकती है गाज
समीक्षा के दौरान सीएस ने बताया पांच पीएचसी कतरीयसराय, इस्लामपुर, रहुई, नूरसराय एवं सिलाव की स्थिति सबसे खराब पाया गया है। इन सेंटरों के संबंधित अधिकारियों को एक माह के अंदर व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया गया है। सुधार नहीं लाने पर कुर्सी भी जा सकती है। सीएस ने कहा कि हर हाल में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाना है। सब लोग सहयोग करें।

गोल्डेन कार्ड बनाने में भी पीछे
गोल्डेन कार्ड बनाने में भी नालंदा पीछे चल रहा है। 14 लाख 47 हजार 875 लाभुकों को गोल्डेन कार्ड बनाने का लक्ष्य है। अभी तक 1 लाख 50 हजार 875 कार्ड बनाया गया है। एकंगरसराय, बिंद, सरमेरा और थरथरी में काफी कम कार्ड बनाया गया है। जिसके कारण संबंधित प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक के वेतन पर रोक लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि एकंगरसराय में 7.41, बिंद में 7.04, थरथरी में 6.14 और सरमेरा में 5.94 प्रतिशत कार्ड बन पाया है।

किस प्रखंड को कितने प्वाइंट
स्वास्थ्य रैंकिंग में थरथरी को 75.95, राजगीर को 68.47, करायपसुराय को 67.14, अस्थावां को 66.17, परवलपुर को 63.76, बेन को 63.29, बिंद को 63.06, एकंगसराय को 61.81, सरमेरा को 61.80, गिरियक को 61.77, चंडी को 59.86, हरनौत को 59.18, नगरनौसा को 56.42, बिहारशरीफ को 55.82, हिलसा को 55.49, सिलाव को 53.32, नूरसराय को 52.67, रहुई को 50.59, इसलामपुर को 46.05 एवं सबसे कम कतरीसराय प्रखंड को 44.52 प्रतिशत सफलता मिली है।

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