अंशुल अग्रवाल (Anshul Agarwal) को बिहार शरीफ (Biharsharif) का नया नगर आयुक्त (Nagar AAyukt)बनाया गया है. वे सौरभ जोरवाल की जगह लेंगे. सौरभ जोरवाल (Saurabh Jorwal) को औरंगाबाद का नया डीएम (Aurangabad DM) बनाया गया है ।
कौन हैं अंशुल अग्रवाल
अंशुल अग्रवाल (Anshul Agarwal)साल 2016 बैच के बिहार कैडर के IAS ऑफिसर हैं. वे युवा और तेज तर्रार हैं. उनकी पहली तैनाती बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में एसडीओ के तौर पर हुई थी. इसके बाद उनका तबादला पिछले साल सितंबर में भोजपुर जिले में कर दिया गया था. साल 2019 में उन्हें भोजपुर का उप विकास आयुक्त बनाया गया है.
कोटा के रहने वाले हैं अंशुल अग्रवाल
अंशुल अग्रवाल राजस्थान के कोटा के रहने वाले हैं। वही, कोटा जो आजकल मेडिकल इंजीनियरिंग के कोचिंग के लिए मशहूर है. अंशुल अग्रवाल के पिता का नाम सुंदर लाल अग्रवाल है. जबकि माता का नाम इंदिरा अग्रवाल है. पिता सुंदर लाल अग्रवाल का कोटा में ही जूते चप्पल का होलसेल का काम है.
IIT से IAS बनने की कहानी
अंशुल अग्रवाल बचपन से ही पढ़ने में कुशाग्र बुद्धि के थे. उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई लिखाई कोटा से ही की. उसके बाद उनका चयन IIT में हुआ. साल 2012 में उन्होंने IIT बॉम्बे से B.Tech की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद उन्होंने एक साल तक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की. लेकिन उनका मन प्राइवेट नौकरी में नहीं लगा.
प्राइवेट नौकरी छोड़कर IAS बने
आईआईटी बॉम्बे से बीटेक करने के बाद अंशुल अग्रवाल को एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी से ऑफर मिला. उन्होंने एक साल तक नौकरी भी की. लेकिन उनका मन प्राइवेट नौकरी में नहीं लगा. वे पैसों से ज्यादा देश को तरजीह देना चाह रहे थे. और वही देशप्रेम उन्हें IAS की ओर खींच लाया
पहले प्रयास में ही सफलता
अंशुल अग्रवाल की कुशाग्रता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं उन्होंने साल 2014 में पहली बार UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा की परीक्षा दी. पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिली. उन्होंने ऑल इंडिया में 389 वां स्थान हासिल किया. उन्हें भारतीय राजस्व सेवा मिला. वे कस्टम और एक्साइज विभाग मिला
47 वां स्थान हासिल किया
अंशुल अग्रवाल अपनी सफलता से खुश नहीं थे. वे दोबारा साल 2015 में UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा की परीक्षा में हिस्सा लिया. जिसमें उन्होंने 47 वां स्थान हासिल किया और इस बार उन्हें IAS मिला. साथ ही बिहार कैडर में उनकी नियुक्ति हुई.
क्या है प्राथमिकता
स्क्वैश खेलने और गाने सुनने के शौकीन अंशुल अग्रवाल गरीबों के लिए कुछ करना चाहते हैं. वे गरीबों और पिछड़ों के लिए काम करना चाहते हैं साथ ही युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मुहैया करना चाहते हैं ।