मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हड़ताली शिक्षकों को नसीहत दी है। विधान परिषद में नीतीश कुमार ने कहा कि परीक्षा और कॉपी जांच के दौरान हड़ताल सीधे-सीधे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। सरकार इस मामले में गंभीर है। खगडिय़ा में शिक्षकों द्वारा किए गए विरोध का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने सख्त नाराजगी भी जताई।
‘सरकार को आपकी है चिंता’
नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षक अपना फर्ज निभाएं। सरकारी उनकी चिंता करती रही है। आगे भी करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक का मूल काम बच्चों को पढ़ाना है। बच्चों की पढ़ाई बाधित करना गैरकानूनी है। कहा कि हम कभी शिक्षकों के खिलाफ नहीं थे। हम विरोधी होते तो उनकी बहाली ही क्यों कराते। साथ ही कहा कि हमने शिक्षकों को चार हजार से 30 हजार तक पहुंचाया है। आगे और भी बढ़ाएंगे पर हड़ताल करना गलत है।
शिक्षकों को अयोग्य बताने वाले आज दे रहे नसीहत
मुख्यमंत्री ने सदन में एक किताब लहराते हुए कहा कि 24 नवंबर 2008 को हमारी सरकार के तीन साल पूरे होने पर राजद ने यह पुस्तक बंटवाई थी। इसमें लिखा था कि राज्य सरकार ने अयोग्य शिक्षकों की भर्ती करके शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है। कहा कि शिक्षकों को अयोग्य बताकर शिक्षा व्यवस्था चौपट करने का आरोप लगाने वाले आज शिक्षकों के हितैषी बन रहे हैं। सरकार को नसीहत दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार सरकार द्वारा किए जा रहे काम गिनाए।
सीएम की चुटकी, बोले- हम सूर्य के उपासक
राजद के बहिष्कार पर मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रकाश पैदा करने का काम सूर्य का है और हम सूर्य के उपासक हैं। राबड़ी की ओर इशारा किया कि वो बैठे-बैठे थक गई हैं इसलिए उन्हें घर जाना है।