नालंदा जिले में बुधवार की शाम पांच बजे काल वैशाखी काल बनकर आई । कालबैशाखी तूफान ने जिले में खूब तबाही मचाई है। कई जगहों पर पेड़ गिर गए तो कहीं पोल उखड़ गए । कई कच्चे मकानों के छप्पर उड़ गए । जिले में अंधेरा छा गया । सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और मक्के की फसलों को हुई है। खेतों में लगीं फसलें गिर गयी हैं। खलिहान में दौनी के लिए रखे गेहूं,तेलहन, चना के बोझे गिले हो गये। जिससे किसान चिंतित हैं। हालांकि लोगों को गर्मी से फौरी तौर पर राहत जरूर मिली है ।
सरमेरा और बिंद में गिरे पेड़:-
आंधी के कारण सरमेरा प्रखंड परिसर में लगाये गये होर्डिंग्स उखड़ गये। परिसर में खड़ी गाड़ियों पर पेड़ टूटकर गिर गए । उधर, बिंद के दरगाहपर मोहल्ले में बड़ा पेड़ बिजली तार पर गिर गया। जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी। बिंद बाजार के सूरज पासवान के घर पर पेड़ गिर गया, जिससे घर की दीवार को नुकसान पहुंचा है।
आम के टिकोले गिरे :
तेज आंधी के कारण आम के टिकोले गिर गये हैं। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। अस्थावां के गिलानी गांव का बगीचा , बिंद के रामाकृष्ण भावामृत आश्रम के बगीचा, चंडी के रूपसपुर, नूरसराय और अन्य इलाकों में आम की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है।
कई इलाकों की बिजली गुल :
आंधी के कारण जिले के कई इलाकों में बिजली व्यवस्था चरमरा गयी है। बिहारशरीफ, और ग्रामीण इलाकों में कई जगहों पर पेड़ की टालियां गिरने के कारण बिजली सप्लाई काफी देर तक बाधित रही।
सरमेरा में उखड़ गये बिजली के 50 पोल: –
आंधी से सबसे ज्यादा तबाही जिले के टाल क्षेत्र सरमेरा में हुई है। बिजली के करीब 50 पोल उखड़ गये हैं। इससे प्रखंड क्षेत्र में बिजली आपूर्ति गुल हो गयी है। जेई रंजीत कुमार ने बताया कि गिरे पोलों को फिर से खड़ा किया जा रहा है। गुरुवार की शाम तक इलाके में बिजली बहाल हो पायेगी।