
बिहार कांग्रेस के लिए नया प्रभारी नियुक्त कर दिया गया है। गांधी परिवार के वफादार माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त चरण दास को बिहार का नया प्रभारी बनाया गया है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी दी है। भक्त चरण दास अभी कांग्रेस के मणिपुर और मिजोरम के प्रभारी हैं। वे शक्ति सिंह गोहिल की जगह लेंगे। गोहिल ने स्वास्थ्य कारणों से कांग्रेस आलाकमान से बिहार का प्रभार वापस लेने का आग्रह किया था। इसे मैंने हुए यह निर्णय लिया गया है। गोहिल अभी कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी बने रहेंगे।
ओडिशा के रहनेवाले हैं दास
भक्त चरण दास मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं। कभी बीजू पटनायक के काफी करीबी रहे थे। अब कांग्रेस के वफादार सिपाही माने जाते हैं। वे बिहार को अपनी कर्मभूमि भी बताते हैं। पार्टी के सामने खड़ी चुनौतियों को स्वीकारते हैं। साथ में कहते हैं कि कोई भी ऐसी चुनौती नहीं है, जिसका समाधान नहीं हो सकता है। दास ने गोहिल को जिम्मेदार व्यक्ति भी बताया।वे ओडिशा के कालाहांडी से तीन बार सांसद रह चुके हैं। चरण दास कांग्रेस कार्यकारिणी के भी सदस्य हैं।
गोहिल ने की थी इस्तीफे की पेशकश
बिहार में कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने सोशल मीडिया के माध्यम से पद छोड़ने की पेशकश की थी। सोशल मीडिया पर सोमवार को उन्होंने लिखा कि निजी कारणों से मैंने कांग्रेस आलाकमान से गुजारिश की है कि मुझे कुछ महीने के लिए लाइट जिम्मेदारी दी जाए और बिहार के प्रभार से मुक्त किया जाए। बिहार चुनाव में कांग्रेस की बिगड़ी स्थिति के लिए जिन नेताओं को जिम्मेवार माना गया, उसमें सबसे ऊपर शक्ति सिंह गोहिल का नाम आया था। पार्टी के कई नेताओं- कार्यकर्ताओं ने उन पर टिकट बंटवारे से जुड़े सवाल भी उठाए थे।
परफॉर्मेंस के लिए अन्य नेता भी जिम्मेदार
विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में 70 सीटें चुनाव लड़ने के लिए हासिल करना गोहिल की उपलब्धि मानी गई। लेकिन जब चुनाव परिणाम आए और कांग्रेस 70 में 19 सीटें ही जीत सकी, तो इसका ठीकरा भी उन्हीं पर फूटने लगा। पार्टी के परफॉर्मेंस के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, चुनाव के समय विधायक दल के नेता रहे सदानंद सिंह और कैंपेन कमेटी के अखिलेश सिंह भी माने गए।