कोरोना काल में भी शादियों का दौर चल रहा है। आप भी कई शादियों में शरीक हुए होंगे। लेकिन एक शादी इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि ये शादी माता-पिता ने नहीं बल्कि पति ने कराई है. आपको सुनकर थोड़ा ताज्जुब हो रहा होगा लेकिन ये सच है।
सात फेरे साबित हुई बेइमानी
वैसे तो शादी के वक्त सात फेरे लिए जाते हैं और सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खिलाई जाती है। लेकिन ये सात फेरे और सात जन्म तक एक दूसरे का साथ निभाने का वादा टूट गया। दरअसल, सात साल पहले खगड़िया जिले की रहने वाली सपना कुमारी का विवाह भागलपुर के सुल्तानगंज के गली नंबर पांच के रहने वाले उत्तम मंडल से हुई थी. शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन उसके बाद रिश्तेदार से सपना की आंखें चार हो गई और प्रेम प्रसंग बढ़ चला.
पहले पति ने किया विरोध
सपना के प्रेम प्रसंग की भनक जब पति को लगी तो कई बार उसने विरोध किया। लेकिन सपना नहीं मानी । सपना के दिल में राजू के लिए प्यार बढ़ता चला गया.
पति शादी के लिए हुआ राजी
सपना अपनी जिद्द पर अड़ी रही। आखिरकार सपना के पति ने अपने ही रिश्तेदार राजू कुमार से अपनी पत्नी की शादी करा दी। इस दौरान परिवार के सभी लोग यहां तक की सपना के दोनों बच्चे भी मौजूद रहे।जैसे ही लोगों को इस अनोखी शादी की भनक लगी मंदिर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.
आशीर्वाद में पति ने क्या कहा
अपने पति की मौजूदगी में पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ सात फेरे लिए और फिर प्रेमी और पत्नी ने पति का आशीर्वाद लिया. सपना के पूर्व पति उत्तम मंडल ने दोनों के दांपत्य जीवन की शुभकामनाएं दी. इस दौरान उसकी आंखें नम हो गई. रोते-रोते उसने बस इतना कहा कि जोड़ियां ऊपर वाले के हाथ में होती है. हम सब तो महज उसके हाथ की कठपुतली है.