नालंदा जिला में कोरोना का कहर जारी है। इस बीच नालंदा से एक विचलित करने वाली तस्वीर सामने आई है। स्मार्टसिटी बिहारशरीफ के एक वार्ड पार्षद ने ऐसी घिनौनी करतूत को अंजाम दिया है जिससे पूरी मानवता शर्मसार है । आपको वार्ड पार्षद की पूरी कहानी बताएंगे। लेकिन उससे पहले ये बता दें कि शहर में एक युवक के शव को कूड़ा ढोने वाले ठेले से ले जाया गया। जिसपर बवाल मचने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
मामला बिहारशरीफ नगर निगम की है। बिहारशरीफ के जलालपुर मोहल्ले में रहने वाले मनोज कुमार की मौत कोरोना से हो गई थी। मनोज कुमार उर्फ गुड्डू की लाश उसके घर में पड़ी थी। मोहल्ले वालों को जब मनोज की मौत का पता चला तो उसके शव की अंत्येष्टी के लिए वार्ड पार्षद सुशील कुमार मिट्ठू से संपर्क किया गया। लेकिन वार्ड पाषर्द ने यहां भी घोटाला कर दिया ।
वार्ड पार्षद पर क्या है आरोप
जलालपुर सेवा समिति ने वार्ड पार्षद पर दाह संस्कार के नाम पर धोखाधड़ी और ठगी करने का आरोप लगाया है। मोहल्ले वासियों का कहना है कि मनोज कुमार उर्फ गुड्डू की मौत के बाद वार्ड पार्षद ने लोगों को बताया कि कोरोना काल में किसी की मौत हो जाने पर अगर उसका अंतिम संस्कार परिजन द्वारा नहीं किया जाता है । बल्कि नगर निगम की टीम द्वारा उसका दाह संस्कार किया जाता है । जिसके लिए 22 हजार रुपए लगते हैं । मृतक के घर में कोई कमाऊ व्यक्ति नहीं था । लिहाजा मृतक के मामा ने शव उठाने के लिए वार्ड पार्षद सुशील कुमार उर्फ मिट्ठू को 16 हजार 500 रुपए दिए।
कूडा ढोने वाले ठेले से शव ले गया
पैसा लेने के बाद बिहार शरीफ नगर निगम के कूड़ा ढूंढने वाले ठेले पर दो सफाई कर्मी के साथ शव को शमशान भेज दिया. लेकिन बाद में पता चला कि नगर निगम की तरफ से कोई पैसा नहीं लिया जाता है। जिसके बाद मोहल्लेवासियों ने पत्र लिखकर डीएम से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है ।
उप महापौर का क्या है कहना
बिहार शरीफ नगर निगम की उप महापौर शर्मीली परवीन का कहना है कि निगम के द्वारा इस प्रकार का कोई निर्णय नहीं लिया गया. निगम की जिम्मेदारी शव का संस्कार करवाना है. इस दायित्व को निगम बखूबी निभा रहा है.