हर बिहारवासी की चाहत होती है कि उनका एक आशियाना राजधानी पटना में जरूर हो। भले ही छोटा क्यों ना हो। बिहार के गांव देहात में रहने वाले की ये इच्छा जरूर होती है। अब सोचिए कि राजधानी पटना का वो कौन सा इलाका है जो लोगों की पहली पसंद बन गया है ।
दानापुर लोगों की पहली पसंद
राजधानी पटना में मकान बनाने की चाहत रखने वालों के लिए पहली पसंद दानापुर का इलाका है। लॉकडाउन के दौरान पटना के इसी इलाके में सबसे ज्यादा जमीन की खरीद-बिक्री हुई है। मई में लॉकडाउन के दौरान दानापुर निबंधन कार्यालय में 66 रजिस्ट्री हुई। वहीं लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद यानि जून में भी दानापुर का इलाका लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। यहां 1233 लोगों के दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए हैं
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पटना सदर दूसरी पसंद
राजधानी पटना में लोगों की दूसरी पसंद पटना सदर का इलाका है । यहां लॉकडाउन के दौरान 28 रजिस्ट्री हुई थी। लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद यहां 1169 रजिस्ट्री हुई है । जिसमें मकान, जमीन और फ्लैट शामिल हैं।
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तीसरे नंबर पर फुलवारी
अगर बात लोगों की पसंद का करें तो राजधानी में जमीन या फ्लैट खरीदने के लिए लोगों की तीसरी पसंद फुलवारी शरीफ का इलाका है । लॉकडाउन के दौरान 59 रजिस्ट्री हुई थी । वहीं लॉकडाउन के बाद फुलवारी शरीफ में 1049 प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हुई है ।
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पटना सिटी से आगे बाढ़
कभी गैंगवार और मारकाट के लिए मशहूर रहने वाले बाढ़ में भी प्रॉपर्टी का रेट बढ़ रहा है । NTPCआने के बाद यहां की जमीन भी लोगों को भाने लगी है । हालत ये है कि पटना सिटी से ज्यादा बाढ़ इलाके में जमीन की खरीद बिक्री हुई है . बाढ़ में लॉकडाउन के बाद 812 प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हुई । हालांकि लॉकडाउन के दौरान 600 प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री हुई थी
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पटना सिटी का नंबर पांचवां
गुरु गोबिंद सिंह की जन्मस्थली और मां पटनदेवी की मंदिर के लिए मशहूर पटना सिटी का इलाका लोगों की पांचवीं पसंद है। लॉकडाउन के दौरान पटना सिटी इलाके में 58 रजिस्ट्री हुई । जबकि लॉकडाउन के बाद यानि जून मे 792 जमीन या मकानों की रजिस्ट्री हुई है ।
कहां कितनी रजिस्ट्री हुई
इसी तरह बिक्रम में अप्रैल के महीने में 814 मई में 42 और जून में 791 प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हुई। जबकि मसौढ़ी में अप्रैल में 639 मई में 00 और जून में 711 संपत्ति का निबंधन हुआ ।
दो साल का ट्रैक रिकॉर्ड क्या है
अगर पिछले दो साल के ट्रैक रिकॉर्ड की बात करें तो इससे पहले जून 2019 में 1710 और जून 2020 में 1216 दस्तावेजों के निबंधन के साथ दानापुर निबंधन कार्यालय सबसे आगे रहा था। निबंधन के मामले में दूसरा स्थान पटना सदर और तीसरा फुलवारीशरीफ का है। यह स्थिति लॉकडाउन के पहले और लॉकडाउन के बावजूद कायम है।