बिहार के बेटे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार अमरजीत सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया है। इसे राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में बड़ी ख़बर के तौर पर देखा जा रहा है । हालांकि अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि अमरजीत सिन्हा ने इस्तीफा क्यों दिया है ?
कौन हैं अमरजीत सिन्हा
अमरजीत सिन्हा बिहार कैडर के साल 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। पिछले साल फरवरी में अमरजीत सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया था। इस्तीफे के पीछे की वजह अभी साफ नहीं है। उन्हें दो साल के अनुबंध पर नियुक्त किया गया था। लेकिन कार्यकाल पूरा करने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
इस साल का दूसरा बड़ा इस्तीफा
प्रधानमंत्री कार्यालय से इस साल ये दूसरा बड़ा इस्तीफा है। इससे पहले मार्च महीने में प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख सचिव पीके सिन्हा ने पद त्यागपत्र दे दिया था।
अमरजीत सिन्हा का लंबा अनुभव
अमरजीत सिन्हा का सामाजिक क्षेत्र में करीब 33 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव प्राप्त है । उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को डिजाइन करने में भी प्रमुख भूमिका निभायी थी. गरीबी उन्मूलन के लिए ग्रामीण विकास क्षेत्र में कई नीतियों के निर्माण और प्रभावी कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं.
किन-किन योजनाओं में भूमिका निभाई
अमरजीत सिन्हा के प्रमुख कार्यक्रमों और योजनाओं में मनरेगा, पीएमएवाई (ग्रामीण), पीएमजीएसवाई, रूर्बन मिशन, डीएवाई-एनआरएलएम, डीडीयूजीकेवाई आदि शामिल हैं. वह करीब डेढ़ दशकों तक मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण कार्य से भी जुड़े रहे हैं.
रिटायरमेंट के बाद सलाहकार बने थे
ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव के रूप में रिटायर होने के बाद सिन्हा को सलाहकार नियुक्त किया गया था। तीन दशक के करियर में सिन्हा शिक्षा और पंचायती राज मंत्रालय के अहम पदों पर रहे। वो ग्रामीण विकास के मामलों के एक्सपर्ट हैं। नेशनल रूरल हेल्थ मिशन और सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं में उनकी भूमिका अहम रही।