आजकल चिराग पासवान का नीतीश कुमार से छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है । विधानसभा चुनाव के पहले से ही चिराग पासवान के निशाने पर नीतीश कुमार हैं और विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद से नीतीश कुमार ने भी बदला लेने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है । लेकिन इस बीच चिराग पासवान को केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के सलाहकार समिति में शामिल किया गया है । जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है ।
क्या है मामला
दरअसल, केंन्द्रीय इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया गया है । जिसमें अधिक चौंकाने वाला नाम लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान का है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चाएं हो रही हैं।
समिति में और कौन-कौन
इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति में केंद्रीय मंत्री अध्यक्ष और इस्पात राज्य मंत्री उपाध्यक्ष हैं। इसमें लोकसभा से नामित सांसद संजय सिंह, सुनील कुमार सोनी, राज्यसभा सांसद दिनेश चंद्र विमल भाई अनावाडिया और नरेश गुजराल को सदस्य बनाया गया है। साथ ही, संसदीय राजभाषा समिति द्वारा नामित सांसद चिराग पासवान और दिनेश चंद्र यादव भी समिति के सदस्य बनाए गए हैं। असल में इस्पात मंत्रालय में ही नहीं बल्कि विभिन्न विभागों में विशेषज्ञों और रूचि रखने वाले सांसदों को जोड़ने की पहल इन समितियों के माध्यम से की जाती है। ताकि मंत्रालयों के कामकाज में कुशलता आ सके।
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पटना पहुंचते ही नीतीश पर साधा निशाना
चिराग पासवान मंगलवार को बिहार विधानसभा उपचुनाव के सिलसिले में पटना पहुंचे। पटना उतरते ही नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमेशा मेरे पिता रामविलास पासवान का अपमान किया है।
नीतीश कुमार के घोर विरोधी हैं चिराग पासवान
चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच का राजनीतिक तनाव विधानसभा चुनाव 2020 से ही जारी है। चिराग पासवान लगातार अपने बयानों के जरिए नीतीश कुमार पर हमला करते रहते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान तो उन्होंने सत्ता में आने पर नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार के मामलों में जेल भेजने की बात कही थी। चिराग के इन्हीं बयानों का नतीजा रहा कि उन्हें बिहार में NDA से बाहर होना पड़ा।