होली से पहले बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार सरकार ने शराब पीने वालों को बड़ी राहत दी है। सरकार शराबियों को जेल जाने से छूट दे दी है । हालांकि इसके लिए सरकार ने एक बड़ी शर्त रखी है ।
क्या है सरकार की शर्त
बिहार में शराबबंदी कानून सख्ती से लागू है। हालांकि पहली बार इसमें राहत मिलने जा रही है। मद्य निषेध विभाग ने उन शराबियों को राहत देने की बात कही है जो शराब माफिया की सही जानकारी देंगे। उत्पाद विभाग के आयुक्त कृष्ण कुमार के मुताबिक, शराब तस्करों को पकड़ने के लिए विभाग अब नई नीति पर काम करने जा रहा है। इसके तहत शराब पीने वाला व्यक्ति यदि शराब तस्कर की सही जानकारी देता है तो उसे छूट दी जाएगी और उसे जेल नहीं भेजा जाएगा। हालांकि, इसमें यह देखना होगा कि पकड़े गए शराबी की तरफ से विभाग को दी गई जानकारी सही है या नहीं।
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बिहार में जेल में 4 लाख लोग
मद्य निषेध विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस समय बिहार में 4 लाख लोग शराब पीने के आरोप में जेल में बंद हैं। यह फैसला बिहार के उत्पाद विभाग ने दिया है। आज बिहार में शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्य निषेध विभाग ने समीक्षा की। इसके बाद विभाग ने यह फैसला लिया। सरकार के इस फैसले से पहले जहां शराब माफिया और शराब के अड्डों की जानकारी, खुद पीने वाले विभाग को देंगे। वहीं दूसरी तरफ जेल में शराबियों की बढ़ती संख्या भी कम होगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था सवाल
दरअसल, 3 दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार से सवाल पूछा था। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के शराबबंदी कानून के कारण अदालतों में बढ़ते मुकदमों की संख्या पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा था कि कानून लागू करने से पहले क्या सरकार ने अदालती ढांचा तैयार किया था। माना यह जा रहा है कि बिहार सरकार ने जो राहत दी है वो इसी सवाल का असर है।