नालंदा में पुलिस कस्टडी में एक ट्रक मालिक की मौत हो गई है । ट्रक मालिक के परिवार वालों ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस की पिटाई की वजह से ट्रक मालिक भूरल यादव की मौत हुई है।
खलासी की हत्या का आरोप
ट्रक मालिक पर अपने ही खलासी की हत्या का आरोप है। दरअसल, 7 जनवरी को पावापुरी ओपी पुलिस ने पटना-रांची रोड किनारे चोरसुआ के पास झाड़ी से एक युवक का शव बरामद किया था। मृतक भुरल यादव के ट्रक का खलासी था। भुरल यादव मौत का कारण दुर्घटना बता रहा था। जबकि मृतक के शरीर पर बने जख्मों के निशान थे ।
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प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया
मृतक खलासी का नाम छोटू कुमार है । वो झारखंड के बोकारो जिला के चास के वीर कुंवर सिंह कॉलोनी का रहने वाला था। खलासी छोटू के परिजनों ने भुरल यादव पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भुरल यादव की बेटी के साथ छोटू कुमार यादव के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसकी वजह से ट्रक मालिक ने खलासी की हत्या कर दी ।
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पुलिस ने गिरफ्तार किया था
पावापुरी पुलिस ने खलासी की हत्या के आरोप में भुरल यादव को मोतिहारी से गिरफ्तार किया था । भुरल यादव आरा जिला के बिहिया थाना क्षेत्र का रहने वाला था । वो पिछले दो महीने से जेल में बंद था।
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पुलिस कस्टडी में चल रहा था इलाज
भुरल यादव की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था । जहां सोमवार की सुबह उनकी मौत हो गई ।
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परिवार का आरोप
मृतक ट्रक ड्राइवर के परिवार का आरोप है कि मोतिहारी से गिरफ्तारी के बाद पुलिस उन्हें लेकर नालन्दा लाई थी। उनका आरोप है कि पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की थी । जिसकी वजह से पैर में लगा स्टील भी बाहर निकल गया था। जिसके बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया था।
डॉक्टरों का क्या है कहना
वहीं, इलाज कर रहे सदर अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि भुरल यादव डायबिटीज, दमा और ब्रोकाइटिस बीमारी से पीड़ित थे। जिसकी वजह से उनकी मौत हुई।