स्मार्टसिटी बनते ही बिहारशरीफ का नक्शा बदल जाएगा। बिहारशरीफ की सड़कें चौड़ी हो जाएंगी । शहरवासियों को टेलिफोन, केवल टीवी और बिजली तारें अब पोल पर नहीं दिखेंगी। उनसब का अंडरग्राउंड केबलिंग होगा। ये दावा शहर के नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल ने किया। उन्होंने कहा कि बिहारशरीफ का स्मार्ट सिटी में चयन होना अपने आप में बड़ी खुशी की बात है। ऐसे में शहर जब स्मार्ट होगा तो लोग भी स्वत: स्मार्ट दिखने लगेंगे। नगर आयुक्त के मुताबिक पहले चरण में भरावपर से सोहसराय का क्षेत्र स्मार्ट सिटी के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। सड़क के चौड़ीकरण के साथ बहुत कुछ बदलाव दिखेगा। सड़क के नीचे दो लंबे ब्लॉक बनाये जाएंगे। एक ब्लॉक का इस्तेमाल ड्रेनेज के रूप में किया जाएगा। जबकि दूसरे ब्लॉक का इस्तेमाल टेलीफोन, नेटवर्किंग और बिजली के तार गुजारने के लिए किया जाएगा। सब कुछ एक बड़े पैमाने पर बदला जाएगा। यानि सबकुछ बदला बदला सा दिखेगा । शहर को व्यवस्थित करने के लिए लेन ड्राइविंग शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का कार्य जून से शुरू हो जाएगा। जिसमें सबसे पहले ड्रेनज बनाने का काम किया जाएगा। नगर आयुक्त के मुताबकि शहर का अबतक कोई ड्रेनज सिस्टम नहीं है। जिसकी वजह से शहर में जल जमाव की समस्या है जिससे मच्छर पनपते हैं । स्मार्टसिटी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए शहरवासियों को भी सहयोग देना होगा । बिना शहरवासियों के सहयोग के कुछ भी संभव नहीं है । लोगों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा।
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स्मार्ट सिटी होता क्या है ?
स्मार्ट सिटी की संकल्पना हर शहर और क्षेत्र में अलग-अलग होती है। जो विकास के स्तर, सुधार की इच्छा, शहरवासियों के संसाधन और उनकी आकांक्षाओं पर निर्भर करता है। नागरिकों की आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए, शहरी योजनाकार को लक्ष्य आदर्श तौर पर पूरा करना होता है। इस विकास के चार स्तंभ हैं। संस्थागत, भौतिक, सामाजिक और आर्थिक अवसंरचना। यह दीर्घकालिक कार्य होता है जो शहर की संरचनाओं को संवारता है।
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