बिहारशरीफ में नगर निगम की आमदनी का एक सबसे बड़ा स्रोत सैरातों की बंदोबस्ती है। बंदोबस्ती से आने रेवन्यू यानि राजस्व से ही शहर के विकास का खाका खींचा जाता है।
23 में से 9 सैरातों की बंदोबस्ती
साल 2022-23 के लिए बिहारशरीफ निगम ने कुल 23 सैरातों की बंदोबस्ती की तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन 23 में से सिर्फ 9 की ही बंदोबस्ती हो पायी है। सबसे ऊंची बोली रामचंद्रपुर बस स्टैंड की लगी। इसकी बंदोबस्ती में तीन लोगों ने भाग लिया। स्टैंड की अंतिम बोली 77 लाख 69 हजार की लगी।
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किसने लगाई सबसे ज्यादा बोली
– रामचंद्रपुर बस स्टैंड की सबसे ज्यादा 77 लाख 69 हजार की बोली संजीव कुमार सिंह ने लगाई
– टेंपो और ई-रिक्शा परिचालन शुल्क की बोली विनय कुमार ने 23 लाख 95 हजार में लगाई
– कोर्ट के बाहर मोटर साइकिल स्टैंड विकास कुमार: एक लाख चार हजार पांच सौ
– रामचंद्रपुर बस स्टैंड सुलभ शौचालय विकास कुमार: चार लाख 10 हजार
– सब्जी बाजार कटरापर शौचालय मोबसीर आलम: पांच हजार एक सौ
– मघड़ा मेला की बस्तोबस्ती आलोक कुमार 16 हजार
– कोसुक मेले की बंदोबस्ती विकास कुमार: 21 हजार
– विद्युत पोल पर लगने वाले
फ्लैक्स और तोरण द्वार विकास कुमार: चार लाख 32 हजार
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बाकी की बंदोबस्ती जल्द
बिहारशरीफ नगर निगम के राजस्व अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि शेष सैरातों की बोली एक-दो दिनों में लगाई जाएगी। वन विभाग को हस्तांतरित करने के बाद इस बार शहर के प्रमुख छह पार्क की बंदोबस्ती नगर निगम न कर पाएगा।
पूर्व ठेकेदारों ने उठाए सवाल
कई बंदोबस्तों की कमी के कारण सभी सैरातों की बंदोबस्ती संभव नहीं हो पाई। पूर्व के संवेदकों ने कहा कि कई सैरातों की बंदोबस्ती की राशि बड़ी रखी गई है। यह पूरी तरह से घाटे का सौदा होगा। वहीं निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस बार स्थिति पिछले साल की अपेक्षा अलग है।