मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी में टूट का डर सताने लगा है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी में टूट के डर से जेडीयू विधायकों के लिए फरमान जारी किया है । मुख्यमंत्री ने अगले 72 घंटे तक सारे विधायक पटना में ही रहेंगे। वे बाहर नहीं जाएं। इस फरमान के बाद सियासत में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। राज्यसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। एक तरफ जातीय जनगणना के बहाने नीतीश और तेजस्वी की नजदीकी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ जेडीयू के भीतरखाने से ही बगावत की खबर आ रही है।
आरसीपी सिंह को लेकर डरे
सीएम नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री RCP सिंह को दोबारा राज्यसभा नहीं भेजना चाहते हैं जबकि सूत्रों की मानें तो RCP राज्यसभा का मोह छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में पार्टी के भीतरखाने से ये चर्चा भी बाहर आने लगी है कि अगर RCP का पत्ता कटता है तो वो पार्टी को तोड़ सकते हैं। वो अपने खेमे के विधायकों के साथ अलग जा सकते हैं। यही कारण है कि JDU के आला नेता किसी भी डैमेज से पहले अपनी तैयारी पुख्ता कर लेना चाहते हैं। इसी के तहत JDU के विधायकों से दस्तखत कराने की बात भी निकल कर सामने आ रही है। इसके अलावा वैसे विधायक जो RCP की जगह चुने गए दूसरे नेता का समर्थन करेंगे उन्हें पटना में ही रुकने की बात कही जा रही है।
बीजेपी ने साधी चुप्पी
इस पूरे मामले पर बीजेपी ने चुप्पी साध ली है।नालंदा लाइव ने बीजेपी के बड़े नेताओं से इस पर संपर्क साधा है लेकिन वे इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि ये JDU का मामला है। BJP का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह सुरक्षित है।
JDU ने बताया अफवाह
पूरे मामले पर नालंदा लाइव ने JDU के नेताओं से भी बात करने की कोशिश की। नाम नहीं छापने की शर्त पर CM नीतीश कुमार के एक करीबी नेता ने कहा कि अभी भी कई विधायक पटना से बाहर हैं। ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। ये बस अफवाह है।
नीतीश के फरमान को जातिगत जनगणना से जोड़ा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फरमान को जातिगत जनगणना पर 27 मई को होने वाली बैठक को लेकर भी देखा जा रहा है। बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर राजनीति तेज है। एक तरफ जहां जनगणना को लेकर JDU समेत RJD के बोल मिल रहे हैं, तो BJP इसके समर्थन में नहीं हैं। इसको लेकर बार-बार चर्चाएं तेज हैं। मुख्यमंत्री की तरफ से 27 मई की तारीख तय की गई है।
27 को होनी है ऑल पार्टी मीटिंग
बिहार के CM नीतीश कुमार ने 27 मई को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग का एक मात्र एजेंडा बिहार में जातीय जनगणना को लेकर आपसी राय बनानी है। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM ) के सुप्रीमो व बिहार के पूर्व CM जीतन राम मांझी ने बताया कि उन्हें भी इस मीटिंग में बुलाया गया है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद भी नीतीश कुमार ने ये बात कही थी कि वे सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस पर निर्णय लेंगे। अपने गठबंधन सहयोगी BJP से नाराजगी के बाद भी नीतीश कुमार बिहार में जातीय जनगणना कराने की तैयारी कर रहे हैं।
जातीय जनगणना पर विपक्ष आक्रामक
नेता प्रतिपक्ष और RJD नेता तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना नहीं होने की स्थिति में पटना से दिल्ली तक पैदल मार्च करने की चेतावनी दी थी। जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार NDA में डेमोक्रेसी की कमी है। BJP और नीतीश कुमार खुद अपना निर्णय ले रहे हैं। छोटी पार्टियों से वे अपना राय लेना उचित नहीं समझते हैं।