आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं की भर्ती अब पुराने नियमों के जरिए नहीं होगी। बल्कि इसके लिए नए नियम बनाए गए हैं । बिहार सरकार ने इस बाबत अपना फैसला ले लिया है और गाइडलाइन भी बना ली गई है।
अब मेरिट लिस्ट बनेगा
आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका और सहायिका की भर्ती मेरिट लिस्ट के आधार पर होगी। भर्ती के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन होगा।मुख्यालय से ही आवेदकों का मेरिट लिस्ट तैयार किया जाएगा। जिसमें सबसे अधिक अंक पाने वालों अभ्यर्थियों को सेविका और सहायिका के रुप में नियुक्ति होगी।
शुरुआत में अस्थायी होगी नियुक्ति
इतना ही नहीं शुरुआती कुछ दिनों के लिए ये नियुक्ति अस्थायी होगी। क्योंकि, शिक्षा विभाग के द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के अंक पत्र की जांच की जाएगी। जहां से एनओसी मिलने के बाद सेविका और सहायिका को स्थायी करते हुए वेतन दिया जाएगा।
फर्जी अंक पत्र मिलने के बाद बर्खास्त
शिक्षा विभाग की ओर से 60 दिनों के अंदर ही चयनित सेविका और सहायिका के अंक पत्रों की जांच की जाएगी। जिसके एनओसी के बाद उनका वेतनमान शुरु किया जाएगा। जांच के दौरान यदि फर्जी प्रमाण पत्र मिलता है। तो अभ्यर्थी को तत्काल नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
अधिक उम्र को पहले तरजीह
अगर मान लीजिए कि मेरिट लिस्ट बनाते समय एक से अधिक अभ्यर्थियों का अंक समान हैं, तो ऐसे में उनके आयु का मेरिट का मिलान होगा। और अधिक उम्र वाले आवेदकों को पहले मौका दिया जाएगा। पहले यह काम चयन समिति करती थी जिसमें काफी गड़बड़ियां होती थी।
आम सभा चयन समिति के अधिकारों में होगी कटौती
सेविका और सहायिका की भर्ती प्रक्रिया आम सभा चयन समिति के द्वारा होती है। चयन समिति के अध्यक्ष की अध्यक्षता में सीडीपीओ, एलएस और वार्ड सदस्यों की टीम तैयार की जाती है। जो एक वर्ष के लिए ही मान्य होती है। वह सेविका और सहायिका का चयन करता है। और साथ ही अभ्यर्थियों के अंक पत्र का वेरिफिकेशन भी करता है। ऐसे में पादर्शिता की संभावना कम ही रहती है। जिसको देखते मेरिट के आधार पर चयन की प्रक्रिया शुरु करने की तैयारी की जा रही है। इससे आम सभा चयन समिति के अधिकारों में कटौती की संभावना है। हालाकि, सेविका और सहायिका संबंधित अधिकारियों के दिशानिर्देश के आधार पर ही काम करेंगे।
केंद्रों के संचालन के लिए प्रयास हो रहा है
बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालन के लिए विभाग की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। भवन के निर्माण के साथ ही सेविका, सहायिका के नियुक्ति भी सही तरीके से हो, इसके लिए विभागीय स्तर से कार्रवाई की जा रही है।
फिलहाल पुराने नियम से नियुक्ति
नए नियमों के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है। जिसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। जहां से स्वीकृति मिलने के बाद नए नियमानुसार भर्ती होगी। फिलहाल, अभी पुराने नियमानुसार भर्ती हो रही है। जिसके तहत मई में बिहार के 38 जिलों में लगभग 750 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की मांग की गई है। इसके लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिक है। इसके साथ ही उसके परिवार की मासिक आय 12 हजार से अधिक नहीं होना चाहिए।