इस वक्त एक बड़ी ख़बर आ रही है.. अवैध वसूली गिरोह से जुड़ी हुई.. जो अफसर बनकर दुकानदारों से पैसे ऐंठा करता था.. जब दुकानदार पैसे देने में आनाकानी करते तो गिरफ्तारी के नाम पर जबरन गाड़ी में बैठाकर अगवा कर लेता है। ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है । साथ ही इस गिरोह के 7 फर्जी अफसर भी गिरफ्तार हुए हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, जामवंत यादव किराना दुकान चला रहे थे. लेकिन जब वो दुकान बंद कर घर जा रहे थे तो उसी समय एक स्कॉर्पियो से छह लोग उतरे और खुद को आबकारी विभाग के अफसर बताए. उन्होंने जामवंत यादव से दुकान खोलने को कहा।
फर्जी अफसरों ने दी धमकी
पहले तो दुकानदार जामवंत यादव ने इनकार कर दिया। फिर अफसरों ने अपना परिचय पत्र दिखाया. जिसके बाद जामवंत यादव ने दुकान खोला. इस दौरान गिरोह के एक सदस्य ने चुपके से दुकान में शराब के पैकेट रख दिए और कहा कि यहां शराब बिकता है.. जिसके बाद फर्जी अफसर दुकानदार को अपने साथ ले गए।
कैसे हुआ खुलासा
दुकानदार ये कहता रहा कि वो दुकान में शराब नहीं बेचता है. लेकिन फर्जी अफसर अपने साथ ले गए और रास्ते में उससे छोड़ने के एवज में घूस की मांग की गई। इस बीच पड़ोस के दुकानदारों ने गिरफ्तारी की बात फोन कर उसके घरवालों को बता दी।
पुलिस को शिकायत की
पहले तो घरवाले घबरा गए। लेकिन जब 80 हजार के घूस की मांग की गई तो उन्हें माजरा समझते देर नहीं लगा और दुकानदार के भतीजे ने पुलिस को लिखित शिकायत दी। जिसके बाद पुलिस एक्शन में आ गई।
कौन कौन गिरफ्तार
पुलिस ने फोन कॉल को ट्रैक किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया । जिन 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । उसमें नवादा का प्रशांत कुमार, पटना के चिरैयाटाड़ का तरुण कुमार,अरवल का अनुज कुमार ,पटना के नौबतपुर का सूरज कुमार, शाहपुर का सुजीत कुमार, पटना के मैनपुरा का मणिकांत बिहारी और नौबतपुर का भीम कुमार सिंह शामिल है ।
क्या क्या बरामद
पटना पुलिस ने आरोपियो के पास से मोबाइल फोन, फर्जी परिचय पत्र, स्कॉर्पियो के साथ 17 पीस टेट्रा पैक शराब जब्त किए गए हैं।
कहां का है मामला
ये पूरा मामला पटना के पालीगंज का है। जहां विक्रम थाना के परियावां तोला के रहने वाले जामवंत यादव किराना दुकान चलाते थे। पुलिस की पूछताछ में ये सामने आया है कि पहले भी ये गैंग कई दुकानदारों को निशाना बना चुका था । अब पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है ।