कहा जाता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया के लिए काल हैं.. उनके राज में कोई भी माफिया जिंदा नहीं बचेगा.. बाबा ने यूपी को माफिया विहीन बनाने की जो कसम खाई थी.. उसे लगातार आगे बढ़ाते जा रहे हैं.. पहले विकास दूबे की गाड़ी पलटायी.. फिर अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर हुआ.. अतीक अहमद और उसके भाई की पुलिस कस्टडी में मर्डर हो गया.. और पूर्वांचल का दुर्दांत माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को निपटा दिया गया ।
मुख्तार अंसारी की मौत
कभी जिस मुख्तार अंसारी के नाम से पूरा पूर्वांचल कांपता था.. वो मुख्तार अंसारी अब नहीं रहा… आज बांदा की जेल में उसकी मौत हो गई.. बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक आने की वजह से उसकी मौत हो गई है । जिसके बाद यूपी के कई जिलों सुरक्षा बढ़ा दी गई है ।
स्लो पॉइजन का आरोप
आपको बता दें कि दो दिन पहले भी मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां उसने स्लो पॉइजन दिए जाने की बात कही थी। हालांकि जब डॉक्टरी जांच की गई तो उसे छुट्टी दे दी गई . लेकिन जब आज दोबारा उसकी तबियत खराब हुई तो उसे जेल से बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मुख्तार का दबदबा
पूर्वांचल की राजनीति में मुख्तार अंसारी के परिवार का हमेशा दबदबा रहा है। इसका असर मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया और बनारस तक है। मुख्तार अंसारी खुद भी मऊ सीट से लगातार 5 बार विधायक चुना गया। बेटा और बहू भी विधायक बने.. भाई अफजाल दो बार सांसद रहे और तीसरी बार गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं.
मुख्तार पर 65 केस दर्ज
मुख्तार अंसारी पर कुल 65 केस दर्ज हैं। जिसमें से 61 केस अकेले उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं। जबकि तीन दिल्ली और एक मुकदमा पंजाब में दर्ज है । इनमें हत्या के 8 केस तो ऐसे हैं.. जो उसके जेल में रहते के दौरान दर्ज हुए हैं। मुख्तार जिस जेल में रहा, उसे अपने मन मुताबिक बना लिया। चाहे गाजीपुर जेल हो, बांदा जेल या पंजाब की रोपड़ जेल। जेलर कोई हो, चली मुख्तार की ही। रिटायर्ड पुलिस अफसर और जेलर भी ये बात मानते हैं।
मुख्तार जेल से ही गैंग चलाता रहा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मार्च 2023 में एक शूटर की जमानत पर सुनवाई करते हुए मुख्तार गैंग को देश का सबसे खतरनाक गिरोह कहा था।