नालंदा हमेशा से शिक्षा की धरती रही है.. नालंदा के युवा अपनी मेहनत और लगन के बदौलत लगातार नए नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। बिहार पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा में नालंदा जिला के दीपक ने तीसरा स्थान हासिल किया है। वो अब बिहार पुलिस में सब इंसपेक्टर बनकर लोगों की सेवा करेंगे ।
नाई का बेटा बना दारोगा
दीपक कुमार के पिता का नाम संजय शर्मा है। वो पेशे से नाई हैं और सिलाव बाजार में सैलून चलाते हैं। संजय शर्मा का बेटा दीपक कुमार का चयन बिहार पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा में हुआ है । वो 1275 अभ्यर्थियों में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
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बेटे पर पिता को गर्व
दीपक की सफलता पर पिता संजय शर्मा को गर्व है। बेटे की कामयाबी से वो भावुक हो गए हैं। उनका कहना कि वो कभी नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी नाई बनकर सैलून चलाए.. वे लगातार बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहे और नतीजा भी अब सबके सामने है ।
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ग्रुप D से दारोगा का सफर
दीपक कुमार चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं.. उनकी मां पिंकी देवी एक गृहणी हैं.. बेटे की सफलता पर वो काफी खुश हैं.. उनका कहना है कि भगवान ने मेहनत का फल दिया है । दीपक कुमार इससे पहले रेलवे में ग्रुप डी में पदास्थापित थे। लेकिन अब दारोगा परीक्षा भी सफल हुए थे और सब इंसपेक्टर बन गए हैं।
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सेल्फ स्टडी से मिली कामयाबी
बिहार पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा में थर्ड रैंक लाने वाले दीपक कुमार का कहना है कि उन्होंने कभी किसी कोचिंग की मदद नहीं ली.. उन्होंने सेल्फ स्टडी कर कामयाबी हासिल की है। दीपक कुमार का कहना है कि महंगे कोचिंग संस्थानों में पढ़ना सफलता की गारंटी नहीं है। बल्कि सेल्फ स्टडी ज्यादा जरुरी है । वो नियमित कोर्स के साथ-साथ मैगजीन और ऑनलाइन क्लासेज का सहारा लेकर ये सफलता हासिल की है। उनका कहना है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
सफलता का श्रेय
दीपक अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं। उनका कहना कि आर्थिक तंगी के बावजूद मेरे माता-पिता ने कभी हिम्मत नहीं हारी और मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।