नीतीश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है । लेकिन उनके अफसर भ्रष्टाचार के झील में गोते लगा रहे हैं। जमीन की रजिस्टरी और दाखिल-खारिज में पहले भी भ्रष्टाचार की बातें सामने आती रहती थी। लेकिन इस बार जो खबर सामने आई है । वो हैरान करने वाली है । उसके बारे में जानकार आप अचरच में पड़ जाएंगे कि ऐसा भी होता है क्या
क्या है मामला
मामला राजधानी पटना से जुड़ा है । पटना सदर की तत्कालीन DCLR मैत्री सिंह जमीन के दाखिल खारिज में बुरी तरह फंस गई हैं। उनके खिलाफ पटना के डीएम ने एक्शन की सिफारिश की है । बताया जा रहा है कि मैत्री सिंह का 22 अक्टूबर को उनका ट्रांसफर हो गया था। लेकिन उसके बाद भी जमीन का दाखिल खारिज किया जा रहा था ।
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700 फाइलें गायब
पटना के डीएम ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि DCLR ऑफिस से 700 फाइलें पहले गायब हैं । जब खोजबीन शुरू हुई तो DCLR ने 255 फाइल 14 और 15 नवंबर को कार्यालय लौटा दिया. जबकि दाखिल खारिज के 451 और भूमि विवाद से संबंधित 36 फाइलें अभी गायब है. इतना ही नहीं दफ्तर से कंप्यूटर प्रिंटर भी गायब बताए जा रहे हैं.
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने जनता दरबार लगाया था । जिसमें शिकायत की गई कि दाखिल खारिज करने के लिए पूर्व डीसीएलआर (DCLR) मैत्री सिंह के दलाल दबाव बना रहे हैं पैसे लेकर दाखिल खारिज बैक डेट में करने का आश्वासन दिया जा रहा है. साथ ही ये भी बताया गया कि जमीन के कागजात भी पूर्व डीसीएलआर के पास है. यदि हस्तक्षेप नहीं किया गया तो दाखिल खारिज के आवेदन रद्द हो जाएंगे. शिकायत मिलने के बाद उन्होंने पटना सदर एसडीएम को जांच का आदेश दिया.
जांच में क्या पाया
जांच में पाया गया कि तत्कालीन DCLR मैत्री सिंह ने दाखिल खारिज के 255 फाइलों का निपटारा बैकडेट में कर दिया. जांच समिति ने ये भी पाया कि दफ्तर से प्रिंटर, कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट गायब हैं। अब पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने मैत्री सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की है । उन्होंने राजस्व एवं भूमि सुधिरा विभाग के मुख्य सचिव को इस बारे में पत्र लिखा है ।
अभी कहां है तैनाती
आपको बता दें मैत्री सिंह 8 महीने पहले ही नौकरी ज्वाइन की थी. फिलहाल वो विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं. लेकिन, इस बीच उनके ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं.