
बिहारशरीफ में सोहसराय से लेकर भरावपर तक और रामचंद्रपुर से लेकर खंदकपर तक बुधवार को अधिकतर फुटपाथ पर लगने वाली दुकानें बंद रहीं। सड़क किनारे फल और सब्जियों के ठेले नहीं लगे। फुटपाथी दुकानदारों ने विरोध मार्च निकाला और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि जबतक हमारी मांगें नहीं मानी जाती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही हर महीने की दो तारीख को अपनी दुकानें बंद रखने का भी ऐलान किया। दरअसल, बिहारशरीफ नगर निगम सड़कों पर अतिक्रमण हटाने की मुहिम चला रखी है। ताकि शहर में लगने वाले जाम से शहरवासियों को निजात दिलाई जाए। ऐसे में फुटपाथी दुकानदारों पर आए दिन नगर निगम का कोड़ा चलता है। फुटपाथी दुकानदारों का आरोप है कि नगर निगम के कर्मचारी इसके नाम पर अवैध वसूली भी करते हैं। साथ ही उनपर दो सौ रुपए का चालान काट दिया जाता है। उनका कहना है कि उन्हें परिवार चलाने का यही एकमात्र जरिया है और अगर ऐसे भी छिन जाएगा तो वे जीएंगे कैसे। फुटपाथी दुकानदार एसोसिएशन का कहना है कि 2014 में ही उनलोगों ने नगरनिगम को साफ कर दिया था कि जबतक फुटपाथी दुकानदारों को स्थायी दुकान नहीं मिल जाती है तब तक वे लोग फुटपाथ से अपनी दुकान नहीं हटाएंगे। जिसे नगर निगम ने मंजूर भी कर लिया था। उनका कहना है कि बिहार शरीफ में 6 हजार फुटपाथी दुकानदार हैं। जिनमें से महज चार सौ फुटपाथी दुकानदारों को ही पहचान पत्र मुहैया कराया गया है। इतना ही नहीं उनका आरोप है कि पहचान पत्र के लिए वे लोग कई महीनों से नगर निगम की चक्कर काट रहे हैं लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।