छात्र जेडीयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार की डेड बॉडी अपहरण के 6 दिन बाद बरामद कर ली गई है। पुलिस को राकेश का शव हरनौत थाना के अलीपुर गांव के खंधे में जमीन के अदर से मिली। राकेश की हत्या क्यों हुई ? राकेश का मर्डर कब हुआ ?ऐसे सवाल लोगों के जेहन में चल रहा है। हालांकि इसपर से पर्दा तभी उठेगा जब इस मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। लेकिन पुलिस और राकेश के परिजनों का मानना है कि 29 मई की रात को ही यानि जिस दिन राकेश का अपहरण हुआ था उसी दिन उसकी हत्या कर दी गई थी । उसके अगले दिन यानि 30 मई की रात को राकेश के शव को ठिकाने लगाया गया। कौन-कौन मिलकर हत्या को अंजाम दिया यह अभी पर्दे में है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद ही इसका खुलासा हो पायेगा। शुरुआत में पुलिस ने प्रेम-प्रसंग की बात बतायी थी, लेकिन परिजन ने इसपर खासा एतराज जताया है।
कुएं के पास शुरू हुआ विवाद
पुलिस सूत्रों की माने तो छानबीन के अनुसार 29 मई की रात कुएं के पास झगड़े की शुरुआत हुई थी। वहां राकेश की चप्पल मिली थी। एक टी-शर्ट भी मिला था जिसे दिवाकर का बताया जा रहा है। उसके बाद राकेश को दीपक के घर में ले जाया गया। वहां बांधकर उसे पीटकर मार डाला गया। वो कमरा जेडीयू के एक नेता का ऑफिस बताया जाता है। परिजन का आरोप है कि 30 मई को पुलिस को वहां ले गये थे। जिस कमरे में घटना को अंजाम दिया गया था उसका ताला खुलवाने की मांग की। परंतु पुलिस ने उसे अनसुना कर दिया। अगर पुलिस उस दिन कमरे को खुलवा देती तो उसी दिन हत्याकांड का खुलासा हो जाता। उसी रात को बोलेरो पर शव को लादकर उसे ठिकाने लगा दिया गया। घटना के बाद एक दिन बारिश हुई थी। इससे सभी साक्ष्य नष्ट हो गये। 2 जून को डीहरा पहुंचा खोजी कुत्ता भी इसी कारण गांव में भटककर रह गया। यही नहीं आरोपितों ने कमरे की रंगाई-पुताई कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश भी की। हालांकि एफएसएल की टीम को कमरे से खून के कुछ सैंपल मिले थे। परिजन का आरोप है कि दीपक को पकड़कर मात्र पांच घंटे में ही छोड़ दिया गया। वहीं डीएसपी निशीत प्रिया का कहना है कि प्राथमिकी में दीपक को आरोपी नहीं बनाया गया था। प्रारंभिक जांच में उसके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं मिले थे।
मनीष पर पहले से ही मर्डर का आरोप
राकेश हत्याकांड का एक मुख्य किरदार हरनौत बाजार का रहने वाला मनीष है। जो राकेश को बुलाकर अपने साथ डिहरा गांव ले गया था। राकेश के परिजनों ने मनीष के साथ उसके भाई चंदन को भी आरोपी बनाया है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले राकेश के एक रिश्तेदार की हत्या हुई थी। जिसमें मनीष भी आरोपी था और ढाई महीने पहले ही वो जेल से छूटकर बाहर निकला है। वहीं तीसरा आरोपी जो राकेश का दोस्त है और उसी के गांव का रहने वाला है ।उसका नाम दिवाकर है । जिसका टी-शर्ट कुएं से मिला है । वो भी गायब है । यानि मनीष,दीपक और दिवाकर की गिरफ्तारी से ही इस हत्याकांड पर से पर्दा उठ सकेगा । लेकिन अब तक तीनों आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है ।