बिहार में नीतीश कुमार की चाल में कांग्रेस पार्टी फंस गई है । पार्टी ने मदन मोहन झा को बिहार कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। बिहार में कांग्रेस पार्टी को काफी दिनों से प्रदेश अध्यक्ष की तलाश थी। अशोक चौधरी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। लेकिन वो कांग्रेस का हाथ छोड़कर नीतीश कुमार का दामन थाम लिया। ऐसे में नए अध्यक्ष की तलाश थी। अशोक चौधरी दलित समुदाय से आते थे। माना जा रहा था कि इस बार भी कांग्रेस किसी दलित या मुस्लिम के हाथ में पार्टी की कमान सौंपेंगी। लेकिन नीतीश कुमार के मास्टर स्ट्रोक के बाद पार्टी को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी।
मदन मोहन झा को बनाया प्रशांत किशोर की काट
नीतीश कुमार ने चुनाव के चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी में शामिल कर बड़ा मास्टर स्ट्रोक चला। एक तो प्रशांत किशोर चुनाव के सबसे बड़े रणनीतिकार माने जाते हैं। कहा जाता है कि प्रशांत किशोर के चक्रव्यूह से निकल पाना विपक्ष के लिए बहुत मुश्किल होता है। दूसरा प्रशांत किशोर ब्राह्मण हैं । ऐसे में नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को ब्राह्मण चेहरा के तौर पर भी आगे बढ़ाया है। क्योंकि नीतीश कुमार ने इशारों में प्रशांत किशोर को अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया। यानि की प्रशांत किशोर को पार्टी में नंबर टू की हैसियत दे दी। ऐसे में कांग्रेस को भी सवर्ण यानि ब्राह्मण चेहरे को आगे करने की नौबत आ गई। उसी कांग्रेस पार्टी को जो दलित की बात करती है। कांग्रेस ने पार्टी के वफादार और पूर्व मंत्री मदन मोहन झा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
मदन मोहन झा का राजनीतिक सफर
मिथिलांचल की धरती दरभंगा से आने वाले मदन मोहन झा का जन्म 1 अगस्त 1956 को मनीगाछी के बधात गांव में हुआ था। बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री स्वर्गीय डॉक्टर नागेंद्र झा के पुत्र मदन मोहन झा छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे। सबसे पहले वह कांग्रेस की भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन में महासचिव बने। उसके बाद बिहार प्रदेश युवक कांग्रेस बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव का पद धारण किया। संगठन के लिए काम करते हुए मदन मोहन झा बाद में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष बनाए गए और फिर कोषाध्यक्ष भी। उन्हें एक बार बिहार कांग्रेस प्रदेश कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किया जा चुका है। मदन मोहन झा 1985 से लेकर 1995 तक बिहार विधानसभा के सदस्य भी रहे। बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उन्होंने भू राजस्व मंत्री के तौर पर काम किया और वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।
कांग्रेस में है अलग पहचान
सरल स्वभाव वाले मदनमोहन झा की छवि कांग्रेस में दिग्गज नेताओं से बिल्कुल अलग है। आमतौर पर चमक दमक से दूर रहने वाले मदन मोहन झा कार्यकर्ताओं से संवाद को लेकर सहज हैं और विवादों से दूर रहते हैं। यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान ने बिहार में पार्टी के कई बड़े नेताओं को दरकिनार कर मदन मोहन झा के हाथों में पार्टी की कमान दी है।