नालंदा जिला प्रशासन ने स्कूल से बंक मारने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों और हेडमास्टर साहब की मनमानी पर रोक लगेगी। वे फर्जी तरीके से अब अपनी हाजिरी नहीं लगा सकेंगे। साथ ही स्कूल से भी बंक नहीं कर सकेंगे।
बायोमैट्रिक से लगेगी हाजिरी
शिक्षा विभाग ने माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों की उपस्थिति में आए दिन हो रहे खेल पर अंकुश लगाने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने का निर्देश दिया गया है। इस कारण अब विद्यालयों में देर से आने वाले शिक्षक की उपस्थिति काटी जाएगी। डीईओ मनोज कुमार ने बताया कि शिक्षकों के देर से आने की शिकायत आम है जिसे देखते सरकार की ओर से पहल की गई है। इस संबंध में जिले के सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के एचएम को पत्र भेजा गया है। जिले के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक अब बायोमेट्रिक से ही अपनी उपस्थिति बना सकेंगे।इसमें लापरवाही बरतने पर संबंधित शिक्षक और कर्मचारी स्वयं जिम्मेदार होंगे।
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दो बार करना होगा पंच
बायोमेट्रिक सिस्टम लगने पर अध्यापकों को दो बार उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इसमें आगमन और प्रस्थान का समय दर्ज होगा। स्कूल की टाइम को ही आधार माना जाएगा। सुबह 10 बजे आने पर और शाम चार बजे कार्यालय छोड़ने पर शिक्षक व कर्मचारियों को अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। शिक्षक या एचएम अगर बायोमैट्रिक मशीन के माध्यम से समय पर उपस्थिति नहीं बनाएंगे तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा।
नालंदा लाइव के सवाल
लेकिन असली सवाल ये है कि क्या बायोमैट्रिक्स सिस्टम लगाने से ही सिस्टम में सुधार हो जाएगा ? सवाल ये भी है कि बायोमैट्रिक्स लगाकर विभाग उन शिक्षकों को बंक मारने से कुछ रोक तो जरूर लगा पाएगा लेकिन वैसे टीचरों पर कैसे शिकंजा कसा जाएगा जो स्कूल जाकर भी बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं। स्कूल में भी वो दुनिया जहान की बातें और गप्पे हांकते हैं ?