प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में आए 4 साल और 7 महीने हो चुके हैं और इस दौरान उन्होंने कई कीर्तिमान भी बनाए हैं. अगले कुछ महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले वह अगर दो देशों का दौरा करते हैं तो बतौर प्रधानमंत्री सबसे ज्यादा दुनिया के अन्य देशों की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री बन जाएंगे.
इंदिरा गांधी ने बतौर भारतीय प्रधानमंत्री सबसे ज्यादा 113 देशों की यात्राएं की थी. जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सवाल है तो उन्होंने कुल 92 देशों (एक ही देश की दोबारा यात्रा भी शामिल) की यात्राएं की हैं और वह महज एक यात्रा से मनमोहन सिंह से पीछे हैं. मोदी के पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह ने अपने प्रधानमंत्रीत्व कार्यकाल में 93 देशों (एक ही देश की दोबारा यात्रा भी शामिल) की यात्राएं की थी.
हालांकि नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह के बीच विदेश यात्राओं में बड़ा अंतर यह है कि मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के 2 कार्यकाल के दौरान 93 देशों की यात्राएं की थी, जबकि मोदी ने अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में कुल 92 देशों की यात्राएं कर चुके हैं. जबकि इंदिरा गांधी ने अपने 15 साल के कार्यकाल के दौरान 113 देशों की यात्राएं की थी.
प्रधानमंत्री मोदी के 55 महीने के कार्यकाल के दौरान विदेशी दौरों पर हुए खर्च का ब्योरा देखा जाए तो मई 2014 से प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके अब तक के विदेश दौरे पर करीब 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए हैं. सरकार की ओर से संसद में जो जानकारी दी गई है उसके हिसाब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा के दौरान चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर कुल 2,021 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. बतौर पीएम उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा जून 2014 में की थी.
प्रधानमंत्री मोदी (5 साल से कम) की तुलना में अपने दूसरे कार्यकाल में मनमोहन सिंह के 50 विदेश दौरे के दौरान 1,350 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की ओर से यह जानकारी दी गई. उन्होंने राज्यसभा में जवाब के तहत साल 2009 से लेकर 2018 तक भारतीय प्रधानमंत्री के विदेश दौरों का सिलसिलेवार खर्च की जानकारी दी. 2009 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ था. मोदी ने मनमोहन सिंह की तुलना में ज्यादा विदेश यात्राएं की और दूसरे देशों में रहे.
अगर मोदी के 92 देशों के दौरे के दौरान 2,021 करोड़ रुपये खर्च के आधार पर देखा जाए तो उनके हर एक देश के दौरे पर औसतन 22 करोड़ रुपये खर्च हुए. हालांकि दूसरे कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह की 50 देशों की यात्रा पर 1,350 करोड़ खर्च हुए यानी हर देश की यात्रा पर औसतन 27 करोड़.