नालंदा जिला में कभी शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत की आती है । तो कभी शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़झाला सामने आता है । अब पंचाने नदी में गड़बड़ी का मामला सामने आया है ।
10 फीट की जगह 3 फीट की उड़ाही
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरनौत प्रखंड के हरिहरपुर गांव से गोनावां हाईस्कूल तक पंचाने नदी की उड़ाही का आदेश दिया था। वे एक साल पहले सादिकपुर मोबारकपुर गांव आए थे और यहीं उन्होंने पंचाने नदी की उड़ाही का आदेश दिया था। जिसके लिए 3 करोड़ 50 लाख का आवंटन भी दिया गया। गांव वालों ने उड़ाही में गड़बड़ी का आरोप लगाया है । गांववालों का कहना है कि ठेकेदार तय मानक के मुताबिक 10 फीट गहराई तक उड़ाही नहीं कर रहा। महज 3 फीट उड़ाही कर उसे पानी से भर दे रहा है, ताकि जांच में पकड़ा नहीं जा सके।
शिकायत करने पर ठेकेदार ने दी धमकी
पंचाने नदी की उड़ाही में हो रही गड़बड़ी की शिकायत सादिकपुर मोबारकपुर समेत कई गांव के लोगों ने ठेकेदार की तो उल्टे ठेकेदार ने लोगों को धमकी दे डाली। ठेकेदार ने कहा कि वो प्रशासन से उनके खिलाफ रंगदारी मांगने का केस कर देगा। जिसके बाद कुछ दिनों तक ग्रामीण शांत हो गए।
डीएम ने दिए जांच के आदेश
गांववालों के लाख शिकायत के बाद जब ठेकेदार नहीं माना तब जाकर करीब दस गांव के लोग इक्ट्ठा हो गए और उड़ाही का काम बंद करा दिया । फिर किसानों ने इसकी शिकायत डीएम डॉक्टर त्यागराजन से की। नालंदा के डीएम ने गांव वालों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले के जांच के आदेश दिए। डीएम त्यागराजन ने बिहारशरीफ के एसडीओ जनार्दन अग्रवाल को जांच के लिए मौके पर भेजा। एसडीओ ने भी जांच के बाद माना है कि काम में गड़बड़ियां मिली है । जिसे दुरुस्त कराया जाएगा ।
मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना में गड़बड़झाला
आपको बता दें कि नदियों की उड़ाही यानि गाद निकालना और जमींदारी बांध को दुरुस्त कराना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना के तौर पर देखा जाता है । ये मामला खुद नीतीश कुमार से जुड़ा है। क्योंकि ये उनके गांव से महज कुछ किलोमीटर की दूरी का मामला है । वे यहां से विधायक और सांसद भी रहे हैं । करीब एक साल पहले ही वो सादिकपुर मुबारकपुर आए थे और लोगों की मांग पर पंचाने नदी की उड़ाही का आदेश दिया था। जिसके बाद मुबारकपुर सादिकपुर समेत 10 गांव के किसानों के चेहरे खिल उठे थे। क्योंकि हर साल उन्हें बाढ़ का सामना करना पड़ता था। अब उन्हें बाढ़ से राहत और पटवन की सुविधा मिलने वाली थी। लेकिन उड़ाही का तौर-तरीका देख किसानों के माथे पर बल पड़ गया।
अब उम्मीद की जा रही है कि डीएम साहब के हस्तक्षेप के बाद काम में गड़बड़ी को दूर किया जाएगा । क्योंकि डॉ त्यागराजन को एक स्वच्छ छवि और तेजतर्रार डीएम के तौर पर जाना जाता है ।