होली के दिन शराबियों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी पुलिस पर थी. लेकिन नशेड़ियों को पकड़ने की जगह खुद दारोगा जी शराब पीकर थाने में टल्ली पड़े थे. दारोगा जी ने इतनी शराब पी रखी थी कि उन्हें खुद की सुधबुध नहीं थी. होली के दिन लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले दारोगा जी थाने में बेसुध होकर लुढ़के थे.
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क्या है पूरा मामला
बिहार में पूर्ण शराबबंदी है और शराबबंदी लागू करने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन है. लेकिन पुलिस के आलाधिकारी ही पूर्ण शराबबंदी को धत्ता बता रहे हैं. ताजा मामला राजधानी पटना के कदमकुआं थाने की है. शराब पीने वाले सब इंस्पेक्टर का नाम कृष्णा राय है. देर रात करीब डेढ़ बजे के बाद ये मामला प्रकाश में आया. जिसके बाद पटना पुलिस के अधिकारी हरकत में आ गए. मामले की जानकारी मिलते ही सिटी एसपी सेंट्रल पीके दास, डीएसपी टाउन और कदमकुआं थाना पहुंचे.
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एसएसपी ने किया सस्पेंड
सीनियर अधिकारियों ने दारोगा कृष्णा राय का मेडिकल कराया. मेडिकल रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें उत्पाद अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं कार्रवाई करते हुए पटना के एसएसपी ने तुरंत सस्पेंड कर दिया.
अब सवाल ये उठता है कि सूबे में पूर्ण शराबबंदी कानून पर इससे बड़ा तमाचा क्या होगा? जिसपर खुद पूर्णशराब बंदी लागू करने की जिम्मेदारी है वही शराबबंदी को तोड़ता है. ऐसे में ये भी लगता है कि जिन थानों में लाखों लीटर शराब चूहे गटक गए वो थाने के थानेदार और पुलिसवाले कितने संत होंगे?