बिहार में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रही है । विपक्ष लगातार हमलावर है । ऐसे में बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने थानों का औचक निरीक्षण किया । जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया । थानों में अफरातफरी मच गई ।
डीजीपी ने सबसे पहले डायरी मांगी
डीजीपी एसके सिंघल ने सबसे पहले स्टेशन डायरी मांगी और इसकी जांच की। लेकिन स्टेशन डायरी अपडेट नहीं थी। क्योंकि नियम के मुताबिक हर दो घंटे में इसे अपडेट करना होता है।
कई घंटों से अपडेट नहीं हुई थी
लेकिन थाने में स्टेशन डायरी कई घंटों से अपडेट ही नहीं हुई थी. इसके अलावा कुछ केस से जुड़ी जांच रिपोर्ट की पड़ताल करने पर भी इसमें भी गड़बड़ी पायी गयी. जिसके बाद डीजीपी ने ऑन द स्पॉट फैसला सुना दिया
थाने में ऑन-स्पॉट हुई निलंबन
दरअसल, वे राजधानी पटना के सबसे महत्वपूर्ण गांधी मैदान थाना पहुंचे थे । जहां कमी पाए जाने की वजह से थानाध्यक्ष रंजीत कुमार वत्सय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया । डीजीपी ने थाने की हालत और बाहर पड़े गाड़ियों के जमावड़े की दयनीय हालत पर सख्त आपत्ति दर्ज करायी.
सुविधाओं का भी जायजा लिया
डीजीपी ने थाना के अंदर और बाहर पूरे परिसर को खासतौर से साफ-सुथरा रखने को कहा. कहीं से गंदगी नहीं रहनी चाहिए. थाना के पैसेज पर सिपाहियों के सोने और सामानों को फैलाकर रखने की आदत को सुधारने की भी सख्त हिदायत दी. थाना हर हाल में साफ-सुथरा होना चाहिए.
गंदगी पर पड़ी जोरदार डांट
इसके बाद वे गांधी मैदान ट्रैफिक थाना का भी निरीक्षण किया. यहां के थाना प्रभारी को भी अव्यवस्था और गंदगी के कारण जोरदार डांट पड़ी. साथ ही स्थिति को तुरंत सुधारने की हिदायत भी दी गयी.
नीलामी जल्द कराने का आदेश
इस दौरान अधिकारियों ने जब्त गाड़ियों की नीलामी कराकर पूरे परिसर को जल्द खाली कराने को लेकर विचार-विमर्श किया. साथ ही थाना परिसर को तुरंत खाली कराकर साफ कराने का इंतजाम किया गया.
कौन कौन थे मौजूद
डीजीपी के औचक निरीक्षण के दौरान एडीजी (सीआइडी) जितेंद्र कुमार, एडीजी (विधि-व्यवस्था) संजय कुमार सिंह, आइजी राकेश राठी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.