बिहार में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अभियान जारी है। निगरानी की टीम ने एक ऐसे ही भ्रष्टाचारी को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी शख्स सिविल सर्जन का हेड क्लर्क है ।
क्या है पूरा मामला
पटना से आई निगरानी की टीम ने जहानाबाद सिविल सर्जन कार्यालय में छापेमारी कर 30 हजार रिश्वत की रकम लेते सिविल सर्जन के क्लर्क अनिल कुमार सिंह को रंगे हाथ धर दबोचा. गिरफ्तार किया गया क्लर्क सिकरिया पीएचसी के डॉक्टर मो. इरफानउल जुहा के प्रभारी के रूप में पदस्थापित करने को लेकर चिट्ठी निकालने की एवज में यह रकम ले रहे थे.
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60 हजार रुपए घूस मांगा था
निगरानी के मुताबिक सिकरिया पीएचसी के प्रभारी की चिट्ठी निकालने की एवज में सिवल सर्जन कार्यालय का क्लर्क ने उनसे साठ हजार रुपये की मांग की थी. जिसकी शिकायत उन्होंने 6 जून को निगरानी विभाग में की थी. उनकी शिकायत के बाद विमलेंदु वर्मा की टीम ने छापेमारी कर क्लर्क अनिल कुमार सिंह को रंगे हाथ धर दबोचा.
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मच गया हड़कंप
निगरानी की कार्रवाई से सिविल सर्जन कार्यालय में हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने बताया की किसी भी पीएचसी में वहां के वरीय डॉक्टर को प्रभार दिया जाता है परंतु अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की मांग को लेकर उन्हें प्रभार नही दिया जा रहा था.
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दो बार जांच के बाद कार्रवाई
आरोपी हेड क्लर्क के खिलाफ शिकायत मिले के बाद निगरानी की टीम ने दो बार जांच की. जांच में शिकायत को सही पाए जाने के बाद ये कार्रवाई की गई. निगरानी की टीम गिरफ्तार किए गए क्लर्क को अपने साथ पटना लेकर गयी है.
सिविल सर्जन पर मढ़ा आरोप
आरोपी हेड क्लर्क ने पूरा आरोप सिविल सर्जन पर मढ़ दिया। आरोपी के मुताबिक सिविल सर्जन के कहने पर ही उन्होंने डॉक्टर से रिश्वत की मांग की थी. गौरतलब है कि इससे साल 2015 में तत्कालीन सिविल सर्जन आदेश श्रीवास्तव को निगरानी की टीम ने रिश्वत की रकम लेते हुए गिरफ्तार किया था.