नालंदा में भूमाफियाओं ने गलत कागजात बनाकर रेलवे की जमीन बेच दी। जिसमें पदाधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है ।
जमीन की रसीद भी कटवा ली
अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि भू माफियाओं ने रेलवे की जमीन का दाखिल खारिज करते हुए सरकारी भूमि का लगान रसीद को भी अंचल द्वारा जारी कर दिया गया है।
मचा हड़कंप
मामला सामने आने के बाद संबंधित पदाधिकारियों, कर्मियों और भू माफियाओं में हड़कंप मचा है। नालंदा के डीएम के निर्देश पर जांच शुरू कर दी गई है।कई पदाधिकारी और कर्मचारी पर गाज गिर सकती है। इस मामले को लेकर आजाद कुमार ने डीएम से शिकायत की थी।
क्या है मामला
मामला नालंदा जिला के राजगीर का है । जहां की जमीन सोने के भाव बिक रही है । ऐसे में भूमाफियाओं ने सरकारी जमीन को भी बेच दिया है। जिसकी शिकायत डीएम से की गई तो मामला सामने आया है ।
इसे भी पढ़िए-खुशखबरी: नालंदा से गुजरेगी आमस-दरभंगा फोरलेन.. जानिए किस किस गांव की जमीन का अधिग्रहण होगा
कौन-कौन जमीन बेच डाली
शिकायतकर्ता के मुताबिक भूमाफियाओं ने मौजा पंडितपुर थाना नंबर 475 में खाता संख्या 97, खसरा संख्या 957, रकवा 19 डिसमिल जमीन रेलवे द्वारा अधिग्रहित किया गया है। रेलवे द्वारा अधिकृत जमीन एलए वाद 50 संख्या-1955-56 तथा एलए वाद संख्या 20/1960-61 से अधिग्रहण किया गया है। तत्कालीन समय में मौजा पंडितपुर थाना नंबर 475, खाता संख्या 97, खसरा संख्या 957, रकवा 19 डिसमिल जो रेलवे द्वारा अधिकृत किया गया था और उक्त खेसरा का खतियानी रकवा ही 19 डी खतियान में दर्ज है।
रेलवे ने किया था अधिग्रहण
जमीन का संपूर्ण रेलवे द्वारा अधिग्रहण किया जा चुका है। फिर भी रेलवे द्वारा अधिग्रहीत जमीन का निबंधन करके रैयतों के नाम दाखिल खारिज की स्वीकृति प्रदान की जा रही है। रेलवे द्वारा अधिगृहित जमीन जो दाखिल खारिज वाद संख्या 1613/ 2021-22 से 1 डी जमीन इंदु भूषण मेहता पिता स्व. जोधन प्रसाद मेहता के नाम किया गया है। जिसका ऑनलाइन वर्तमान भाग 14 पृष्ठ संख्या 11 है तथा दाखिल खारिज वाद संख्या 16/2021-22 से 3 डी. जमीन सरिता मेहता पति इंदु भूषण मेहता के नाम किया गया है। जिसका ऑनलाइन वर्तमान भाग 14 पृष्ठ संख्या 52 है।
इसे भी पढ़िए-खुशखबरी.. नालंदा को एक और NH का तोहफा दिया, जानिए कहां से कहां तक बनेगी सड़क
दाखिल खारिज वाद संख्या 1637/ 2021-22 से एक डिसमिल जमीन करण कुमार कौशल पिता रामचंद्र प्रसाद के नाम से किया गया है। जिसका ऑनलाइन वर्तमान भाग 14 पृष्ठ संख्या 53 है। फिर भी राजगीर अंचल के अंचलाधिकारी और संबंधित मौजा के राजस्व कर्मचारी द्वारा रेलवे द्वारा अधिग्रहित जमीन का उक्त खाता खेसरा में 5 डिसमिल जमीन का भी दाखिल खारिज कर रैयतों के नाम ऑनलाइन प्रकाशित कर दिया गया है, जो ऑनलाइन के माध्यम से भी देखा जा सकता है।
इसे भी पढ़िए-नालंदा में शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा, 25 टीचर पकड़ाए, जानिए कौन-कौन
उन्होंने बताया कि इस गंभीर मामला को लेकर अनुमंडल कार्यालय में डीसीएलआर के यहां गए। कोई कार्रवाई संबंधित लोगों पर नहीं किया गया। थक हारकर जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत दर्ज करायी है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि जो भी आरोपी हैं उन लोगों के ऊपर कड़ी कार्रवाई प्रशासन द्वारा किया जाएगा। एसडीओ अनीता सिन्हा ने बताया कि जांच की जा रही है।
जांच के दायरे में आने पर कई पदाधिकारी और कर्मचारी पर गाज गिर सकती है