नालंदा जिला में मनीष मौत मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है. एक ओर जहां मनीष के घरवालों ने इंसाफ के लिए सत्याग्रह शुरू कर दिया है. तो वहीं, डॉक्टरों ने जिला प्रशासन को अल्टीमेटम देकर हड़ताल की धमकी दी है. आखिर क्या है पूरा मामला.. इसे सिलसिलेवार समझिए
क्या है पूरा मामला
पावापुरी के रहने वाले अधिवक्ता अजीत कुमार के पुत्र मनीष कुमार की मौत इलाज के दौरान हो गई. मनीष का इलाज बिहारशरीफ के नालंदा हड्डी एवं रीढ सेंटर में चल रहा था. परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही की वजह से मनीष की मौत हो गई.
क्या हैं आरोप
मनीष के परिजनों का कहना है कि 25 साल के मनीष कुमार को दो अगस्त को जांघ में चोट लगी थी. इलाज के लिए बड़ी पहाड़ी स्थित नालंदा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर ले गए। जहां डॉ. कुमार अमरदीप नारायण ने जल्दबाजी में गलत ढंग से सर्जरी कर दिया। हड्डी के पास से निकलने वाला खून और फैट को रोकने का इलाज नहीं किया। खून और फैट लंग्स में जाने से फैट एम्बोलिज्म हो गया। जिसका तीन दिनों तक इलाज नहीं हुआ। रुपए की लालच में इसकी तत्काल जानकारी न देकर हालात बिगड़ने पर रेफर कर दिया गया जिससे मनीष की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
अनशन पर परिवार
वहीं इस मामले में मनीष के परिजनों ने लहेरी थाना में आरोपी डॉक्टर अमरदीप नारायण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही मामले की सीबीआई जांच के लिए पूरा परिवार अनशन पर बैठ गया है. जिसमें कई समाजसेवियों का भी साथ मिल रहा है. मनीष के पिता अजीत कुमार का कहना है कि अगर 12 सितंबर तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती दिखी तो वे लोग 13 सितंबर से मुख्यमंत्री के गांव कल्याणबीघा में जाकर सत्याग्रह करेंगे। वे लोग मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. आपको बता दें कि नालंदा जिला अधिवक्ता संघ भी इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर चुका है
डॉक्टरों ने दी हड़ताल की धमकी
वहीं, आरोपी डॉक्टर के बचाव में IMA उतर आया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस मामले में जिला प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर 72 घंटे के भीतर डॉक्टर अमरदीप नारायण पर से केस वापस नहीं लिया गया तो वे लोग हड़ताल करेंगे. आपको बता दें कि अमरदीप नारायण पर लहेरी थाना में केस दर्ज है
IMA पहले दे चुका है डॉ.अमरदीप को क्लीनचिट
आपको बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पहले ही डॉक्टर अमरदीप नारायण को क्लीनचिट दे चुका है. IMA का कहना है कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है. आईएमए के अध्यक्ष डॉ सुनील कुमार ने रविवार को कहा कि शिकायत के बाद पूरे मामले की आईएमए ने जांच की है। जिसमें डॉ अमरदीप नारायण पर मनीष कुमार के इलाज में लापरवाही की आरोप आधारहीन प्रतीत हुआ। बल्कि परिजन उसे बेहतर इलाज के लिए पटना ले गए थे. लेकिन अस्पताल में भर्ती होने में हुई देरी से उसकी मौत हो गई