राज्यसभा में उपसभापति के पद के लिए अब दो बिहारियों के बीच टक्कर होगी. एनडीए ने जहां जेडीयू सांसद हरिवंश बाबू को मैदान में उतारा है तो वहीं, विपक्ष ने आरजेडी सांसद मनोज झा को उनके खिलाफ साझा उम्मीदवार बनाया
मनोज झा ने भरा पर्चा
विपक्ष के साझा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद प्रो. मनोज झा ने अपना नामांकन दाखिल किया। उनके नामांकन के वक्त कांग्रेस के सीनियर लीडर और सदन के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद मौजूद रहे. इसके अलावा कांग्रेस सांसद अहमद पटेल, जयराम रमेश भी मौजूद रहे
दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं मनोज झा
मनोज झा की गिनती आरजेडी के प्रखर वक्ता के तौर पर होती है. वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में सोशल वर्क डिपार्टमेंट में साल 2002 से प्रोफेसर हैं। विपक्ष में उनकी अच्छी साख है और पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में तवज्जो देते हुए उन्हें राज्यसभा भेजा है। वे अच्छे वक्ता हैं।
ठाकुर बनाम ब्राह्मण
आपको बता दें कि एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह राजपूत हैं. वे जेडीयू के तरफ से दूसरी बार राज्यसभा पहुंचे हैं. वे पहली बार 2014 में बिहार से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। हरिवंश जी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार भी रह चुके हैं। हरिवंश बाबू की गिनती देश के बड़े पत्रकारों में होती है. वे प्रभात खबर के समूह संपादक भी रह चुके हैं और नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. मनोज झा पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं। उन्हें एक कुशल प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता है। साथ ही वे आरजेडी के ब्राह्मण चेहरा हैं. हरिवंश प्रसाद की बात करें तो वे पहले भी 2018 में एक बार राज्यसभा के उपसभापति चुने जा चुके हैं। एनडीए के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरि प्रसाद को हराया था। उस समय हरिवंश को 125 वोट मिले थे, जबकि बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिले थे।
हरिवंश बाबू का पलड़ा भारी
राज्यसभा का अगला उपसभापति कौन होगा ये तो 14 सितंबर को ही पता चलेगा. लेकिन इतना तो पक्का है कि किसी बिहारी के सिर ही इसका ताज सजेगा. अगर बात आंकड़ों की करें तो मनोज झा के पक्ष में राजद के अलावा कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बीएसपी, डीएमके जैसी पार्टियों के वोट करने की संभावना है। पर वोट का गणित ऐसा है कि इन सभी विपक्षी पार्टियों के साथ होने से भी मनोज झा को 100 के करीब ही वोट मिलने की संभावना है जबकि जरूरत 140 वोट की है। ऐसे में माना जा रहा है एनडीए के बहुमत के मद्देनजर जेडीयू सांसद हरिवंश की जीत तय है। 14 सितम्बर को उपसभापति पद के लिए मतदान होना है।