आज संसद में कुछ खास हो सकता है. यानि कुछ अहम बिल पेश हो सकता है. क्योंकि बीजेपी ने राज्यसभा में अपने सभी सदस्यों को मंगलवार को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इसके लिए बीजेपी ने तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। इसके मुताबिक राज्यसभा में सभी भाजपा सदस्यों को मंगलवार को मौजूद रहते हुए सरकार के पक्ष में समर्थन दिखाना है।
बीजेपी व्हिप में क्या है
बीजेपी की ओर से जारी व्हिप में कहा गया है कि राज्यसभा के सभी भाजपा सांसदों को यह सूचित किया गया है कि सदन में मंगलवार को कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। इसलिए 11 फरवरी 2020 को चर्चा और पारित कराने के लिए उपस्थित रहें।
BJP issues three-line whip to all its MPs of Rajya Sabha, asking them to be present in the House tomorrow and "support the stand of the government." pic.twitter.com/eQdP8AzdAp
— ANI (@ANI) February 10, 2020
राज्यसभा में कल लंच के समय को भी रद्द कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शाम चार बजे बजट से जुड़े सवालों का जवाब देंगी।
There will be no lunch hour in Rajya Sabha tomorrow. Finance Minister Nirmala Sitharaman will reply in the House, on Budget, at 4 PM tomorrow.
The first session of Parliament's #BudgetSession concludes tomorrow. The second session will begin on March 2. (file pic) pic.twitter.com/RR1MmYTbzF
— ANI (@ANI) February 10, 2020
प्रमोशन में आरक्षण पर तकरार
दरअसल,सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने भारी हंगामा किया। इस फैसले के संदर्भ में विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए तो सरकार के सहयोगी दलों ने पूरे मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए सुपीम कोर्ट के फैसले की तीखी आलोचना की।
सरकार की दलील
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सरकार ने इस मामले में उच्च स्तरीय चर्चा जारी रहने का हवाला देते हुए कहा कि इससे जुड़े केस में केंद्र सरकार पार्टी नहीं थी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड से जुड़े एक मामले में फैसला देते हुए कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा और केंद्र सरकार आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार राज्य हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी जिसमें राज्य सरकार को आरक्षण देने का निर्देश दिया गया था।
डीएमके ने भी घेरा
डीएमके के ए राजा, बसपा, माकपा के सांसदों ने भी सरकार पर आरक्षण के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि यह मामला वर्ष 2012 का है जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। इस मामले से केंद्र सरकार का कोई लेना देना नहीं है।
इसी क्रम में अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और आरक्षित वर्ग के हितों पर कुठाराघात बताते हुए पूरे मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। पटेल ने कहा कि एससी-एसटी उत्पीड़न कानून का मामला हो या संसद-विधानसभाओं में आरक्षण को बढ़ाने का, केंद्र सरकार ने हमेशा वंचित समाज के हित में कदम उठाए हैं।