नालंदा जिला में शिक्षा विभाग में रोजाना नए नए खुलासे हो रहे हैं । इस कड़ी में जिला शिक्षा विभाग ने तीन प्रखंडों के 39 शिक्षकों के नियोजन रद्द करने का आदेश जारी किया है।
ड्यूटी से गायब थे टीचर
नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि 39 शिक्षकों के नियोजन रद्द करने की जानकारी बीईओ के माध्यम से नियोजन इकाइयों को भेज दिया दिया गया। डीईओ के मुताबिक जिले में ऐसे शिक्षकों का पता चला है जो पिछले 2 से 6 वर्षों से स्कूल नहीं आये हैं। उनमें बिहारशरीफ प्रखंड के 32, अस्थावां के 7 और नगरनौसा के 2 शिक्षक शामिल हैं।
इसे भी पढ़िए-नालंदा में शिक्षक भर्ती घोटाला में बड़ा खुलासा
इस मामले में आवेदक गुड्डू कुमार ने जिला लोक शिकायत निवारण अधिकारी के यहां शिकायत भी दायर किया है। उन्होंने आवेदन में कहा है कि वर्षों से स्कूल न आने वाले इन शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। इसके अलावा कई अन्य स्कूलों में ऐसे शिक्षक हैं जो स्कूल नहीं आते हैं। वैसे शिक्षकों को चिह्नित कर कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा जा चुका है। साथ ही उन्हें सेवा शर्तों के उपबंध निबंध के अनुसार जो छुट्टी दी जा सकती है, अगर उससे अधिक छुट्टी ले चुके हैं तो नियोजन इकाई वैसे शिक्षकों को चयन मुक्त कर विभाग को सूचना दे।
इसे भी पढ़िए-नालंदा में शिक्षक भर्ती घोटाला में बड़ी कार्रवाई, कौन-कौन हुए बर्खास्त जानिए
हेडमास्टर और अधिकारियों की मिलीभगत
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले में अभी भी ऐसे दर्जनों शिक्षक हैं, जो कई वर्षों से स्कूल नहीं गए हैं। सबसे हैरत की बात तो यह कि उन शिक्षकों की जानकारी न तो स्कूल के हेडमास्टर और न ही विभाग के पास है। कुछ लोगों का मानना है कि ये वैसे शिक्षक हैं, जो स्कूल ज्वायन करने के कुछ दिनों के बाद ही गायब हैं। ऐसे में सवाल ये होता है कि किसी स्कूल में टीचर ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं और इसकी जानकारी हेडमास्टर को नहीं होगी ऐसा कैसे हो सकता है ? हमारा मानना है कि शिक्षकों के इस फर्जीवाड़े में उस स्कूल के हेडमास्टर की मिलीभगत भी है ।