सूफी- संतों की नगरी बिहारशरीफ को एक और नई पहचान मिल गई है। बिहारशरीफ के अंबेर में बनी देवी माता का मंदिर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। दिन में दूध सा सफेद दिखने वाली इस मंदिर की खूबसूरती शाम होते ही सतरंगी हो जाती है। इसकी खूबसूरती को देखकर इसे निहारते रहने का मन करने लगाता है।
शुक्रवार को बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर शरीक हुए। उन्होंने भी मां की पूजा अर्चना की। इस मौके पर भंडारा का भी आयोजन किया गया। जिसमें करीब 30 हजार लोगों ने प्रसाद खाया।
आस्था का केंद्र बना माता का मंदिर
बिहारशरीफ आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए एक और पता जुड़ गया है। शहर के बीचों बीच अंबेर में माता की 500 साल पुरानी माता की मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। मंदिर को सवा करोड़ की लागत से बनाया गया है।इस मंदिर की ऊंचाई 91 फीट है। इस वजह से शहर के हर कोने से इस मंदिर को देखा जा सकता है। इसे महाराष्ट्र के कारीगरों ने नया रूप दिया है। दिन में ये मंदिर एक दम दूधिया दिखती है। लेकिन शाम होते ही सतरंगी रोशनी से नहा उठती है। इस मंदिर को नया रूप देने में करीब सवा करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। ये मंदिर शहर के सबसे ऊंची इमारतों में से एक है।
मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद छह जुलाई से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसके लिए भव्य कलश यात्रा निकाली गई। उसके बाद पांच दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया। 13 जुलाई यानि शुक्रवार को इसकी प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। यानि अब मंदिर को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने लोगों से मंदिर की आय को गरीबों के कल्याण में उपयोग करने की बात कही।
इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन, विधायक डॉ. सुनील कुमार, जिलाध्यक्ष रामसागर सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष ई. रविशंकर प्रसाद आदि मौजूद थे। इसके अलावा बीजेपी के कई कार्यकर्ता राजेश्वर सिंह, वीरेन्द्र गोप, धीरेन्द्र रंजन, सुरज चंद्रवंशी, अमरकांत भारती, विजय कृष्ण, श्यामकिशोर सिंह, अरशद करीम, डॉ. आशुतोष कुमार, सुधीर कुमार, रंजीत मुखिया, अनिल पटेल भी सभा में मौजूद रहे