बिहारशरीफ के नर्सिंग स्कूल में सोमवार को हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। एएनएम स्कूल की तीन शिक्षकों को बंधक बना लिया गया। जिसके बाद पुलिस ने तीनों टीचरों को मुक्त कराया। तीनों महिला शिक्षकों ने प्रिंसिपल पर बंधक बनाने का आरोप लगाया।
क्या है पूरा मामला
बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैंपस में एएनएम स्कूल चलता है और इसी परिसर में प्रिंसिपल का ऑफिस भी है। बिहारशरीफ पुलिस को फोन आता है कि हमें बचाइए.. हमें बंधक बना लिया गया है। महिला टीचर की आवाज सुनकर पुलिस भी एक्शन में आ गई और तुरंत बिहारशरीफ सदर अस्पताल जा पहुंची। पुलिस ने बंधक महिलाओं को खोजने की कोशिश की। लेकिन वो वहां नहीं दिखी। फिर प्रिंसिपल के चैंबर के पास गई तो पुलिस ने देखा कि बाहर से दरवाजे की कुंडी बंद है। पुलिस ने दरवाजा खोलकर बंधक बनाई गई महिला शिक्षकों गायत्री, रजनी कुमार और दीपाराम चौधरी को बाहर निकाला। महिला शिक्षकों का आरोप है कि प्रिंसिपल ने उन तीनों को कमरे में बंद कर बाहर से गेट बंद कर दिया था। साथ ही बाहर से कमरे की लाइट बंद कर दी गई थी। जिसके बाद बंधक शिक्षकों ने पुलिस को फोन कर मदद मांगी
प्रिंसिपल की सफाई भी जान लीजिए
आरोपी प्रिंसिपल प्राचार्या नईमा खान का कहना है कि ऑफिस में सभी छात्राओं के कागजात के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हैं। अलमारियों में ताला नहीं लगा है। इसलिए कहीं भी जाती हैं तो कमरे में ताला लगाकर जाती हैं। शिक्षकों के बैठने के लिए लाइब्रेरी है। ये लोग जबरन अंदर घुसकर बैठ जाते हैं। उनका आरोप था कि प्रिंसिपल बनने के लिए एक शिक्षिका जान बूझकर विवाद पैदा कर रही हैं। अक्सर धमकी देती हैं।
सिविल सर्जन ने क्या कहा
नालंदा के मौजूदा सिविल सर्जन सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस से सूचना मिलने के बाद वो एएनएम स्कूल गए थे। जहां उन्होंने प्रिंसिपल,टीचरों और छात्राओं से पूछताछ की थी। जिसमें दोनों के बीच आपसी विवाद सामने आया है। जो भी जांच में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी
बवाल की वजह क्या है ?
नालंदा लाइव के सूत्रों के मुताबिक गायत्री कुमारी और नईमा खान के बीच पिछले काफी दिनों से खींचतान जारी है। नईमा खान अभी प्रभारी प्रिंसिपल हैं जबकि गायत्री कुमार सीनियर हैं।गायत्री कुमारी एएनएम स्कूल की प्रिंसिपल बनना चाहती हैं जबकि नईमा खान सत्ता की चाबी अपने पास रखना चाहती है। बस इसी को लेकर विवाद है । जिसकी वजह से ये पूरा बखेड़ा खड़ा हुआ।