बिहारशरीफ में चला बुलडोजर,हॉस्पीटल मोड़ पर गिराई गई बिल्डिंग

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बिहारशरीफ में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला है। शहर के व्यस्तम इलाकों में से एक हॉस्पीटल मोड़ पर जिला प्रशासन ने एक अवैध निर्माण को गिराया है।

क्या है पूरा मामला
बिहारशरीफ के अस्पताल मोड़ के पीडब्लूडी विभाग के दफ्तर के बगल में एक नया तीन मंजिला मकान बना था। ये मकान सुनील कुमार माहुरी नामक शख्स की थी। रविवार को दोपहर के आसपास अचानक मकान झुकने लगा। जिसके बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। मकान झुकता देख आसपास के लोगों ने अपनी अपनी बिल्डिंग खाली कर दी। इसके बाद इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई।

पहले रांची रोड पर ट्रैफिक को रोका गया
रांची रोड को बिहारशरीफ की लाइफलाइन कहा जाता है। इस पर हाई ट्रैफिक होता है। ऐसे में रोड किनारे बने नए मकान के झुकने के साथ ही जिला प्रशासन एक्शन में आ गई। पुलिस ने सबसे पहले रोड पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया। साथ ही किसी अनहोनी से निपटने के लिए आसपास के इलाके को खाली कराया गया।

डीएम ने दिए मकान गिराने के आदेश
नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए झूके हुए मकान को गिराने का आदेश दिया। जिसके बाद नगर निगम के कर्मचारी बुलडोजर लेकर हॉस्पीटल मोड़ के पास पहुंचे और बिल्डिंग को गिराया गया।

एसपी और नगर आयुक्त भी थे मौजूद
डीएम का आदेश मिलने के साथ ही जिले के पुलिस कप्तान निलेश कुमार और शहर के नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल,SDO जेपी अग्रवाल, DSP इमरान प्रवेज, नगर थाना प्रभारी दीपक कुमार, लहेरी थाना प्रभारी विजेंद्र यादव और तकनीकी अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। लोगों पर नियंत्रण रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई और वहां की बिजली काट दी गई। उसके बाद बुलडोजर के सहारे नगर निगम की टीम मकान गिराने के काम में जुट गई। देखते ही देखते पूरा मकान ताश के पत्ते की तरह धाराशायी हो गया।

चारों तरफ फैल गया धूल का अंबार
मकान के गिरते के साथ ही चारों तरफ धूल का अंबार फैल गया। साथ वहां जमा मलबे को हटाया गया। लेकिन इतना तो साफ है कि जिस तरह जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है उससे लगता है कि अपना बिहारशरीफ अब स्मार्ट होने लगा है । नहीं तो सोचिए कि अगर वो बिल्डिंग अचानक भरभराकर गिर जाती तो क्या होता? कितने निर्दोष इसकी चपेट में आ जाते?

नालंदा लाइव के सवाल
नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल का कहना है कि आरोपी मकान मालिक सुनील माहुरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। सुनील माहुरी पर आरोप है कि उसने नियमों की अनदेखी कर घर का निर्माण करवाया। लेकिन सवाल के घेरे में नगर निगम के वो कर्मचारी और इंजीनियर भी हैं जिनकी जवाबदेही शहर में हो रहे निर्माण को देखना है । ऐसे में क्या नगर आयुक्त और जिलाधिकारी वैसे अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करेंगे क्या? क्या उनके खिलाफ केस दर्ज होगा ?

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