बिहारशरीफ के सदर अस्पताल उस समय कुरुक्षेत्र का मैदान बन गया। जब मरीजों के परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट हुई। गुस्साए लोगों पहले डॉक्टरों से मारपीट की। इतना ही नहीं बीच बचाव में करने आए होमगार्ड के जवानों को भी पीटा। मारपीट और हंगामे की वजह से सदर अस्पताल में अफरातफरी मच गई।
क्या है पूरा मामला
दीपनगर थाना इलाके के देवधा गांव के मनीष सिंह को बिजली का झटका लगा। उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। परिजनों का कहना है कि वे डॉक्टरों से इलाज की गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने मनीष का इलाज नहीं किया। इसके बाद मनीष के गांव से दर्जनों लोग वहां पहुंच गए। वे सब इमरजेंसी में डॉक्टरों से इलाज करने की अपील करने गए। लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। जिसके बाद मरीज के परिजनों और गांव वालों का गुस्सा भड़क गया। वे लोग हंगामा करने लगे। इस बीच मरीज को भर्ती किया गया। जिसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया । इसके बाद गांव के लोग भड़क उठे और मारपीट करने लगे।
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देखते-देखते अस्पताल छावनी में तब्दील
लोगों का कहना है कि गुस्साए लोगों ने पहले डॉक्टरों से पहले गाली गलौच किया और फिर मारपीट की। इतना ही नहीं बीच बचाव करने होमगार्ड के जवान भी वहां पहुंचे लेकिन लोगों ने उन्हें भी पीटा। अस्पताल में हंगामा होता देख अस्पतालकर्मी कमरों में बंद हो गए। हंगामे की सूचना पाकर सदर डीएसपी के साथ कई थाने की पुलिस वहां पहुंच गई। देखते देखते पूरा अस्पताल परिसर छावनी में तब्दील हो गई। हालांकि पुलिस और अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मारपीट नहीं हुई है। बल्कि गाली गलौच और हंगामा हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया
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दरअसल, मनीष टाइल्स बिछाने का काम करता था। वो बिहाशरीफ के खंदकपुर में एक घर में टाइल्स बिछा रहा था। इसी दौरान उसे करंट लग गया। उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। लेकिन इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। हालांकि सिविल सर्जन का कहना है कि जब मरीज को भर्ती किया गया था तो उसकी मौत हो चुकी थी ।