
कोरोना की कहर से पूरी दुनिया कराह रही है। डॉक्टर,नर्स और स्वास्थ्य कर्मी अपना सब कुछ दांव पर लगाकर लोगों की सेवा में जुटे हैं. डॉक्टर्स और नर्स बिना अपने परिवार की परवाह किए हुए दिन रात कोरोना के मरीजों की जांच और इलाज में लगे हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो डॉक्टरों के साथ गंदी बात कर रहे हैं ।
क्या है पूरा मामला
नालंदा के पावापुरी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी परेशान हैं और परेशानी की वजह कोरोना के वो संदिग्ध मरीज हैं जिन्हें मस्जिद से चेकअप के लिए विम्स अस्पताल लाया गया है। दरअसल, गुरुवार की रात में इन चारों को यहां आईसोलेशन सेंटर में लाया गया है, तबसे ये लोग हर आने-जाने वाले डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी को गाली दे रहे हैं। उनसे खाने-पीने की आपत्तिजनक चीजें मांग रहे हैं। ये चारों 21 मार्च के पहले दिल्ली से लौटे हैं, परन्तु खुद को निजामुद्दीन तब्लीगी जमात से अलग बता रहे हैं।
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डॉक्टरों का क्या है कहना
इधर, खुद को स्कॉलर बताने वाले इन चार धर्म प्रचारकों के दुर्व्यवहार से रात भर में ही डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी परेशान हो गए हैं। आज इनका सैम्पल कलेक्ट करके कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पटना भेजा जाना है। विम्स के आईसोलेशन सेंटर के नोडल डॉक्टर पुरुषोत्तम ने कहा कि अगर ये लोग इसी तरह असहयोग करते रहे तो सैम्पल लेना भी सम्भव नहीं हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इन लोगों की गंदी हरकत से अस्पताल के डॉक्टर और नर्स परेशान हैं।
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चार में से एक का ही सैंपल लिया गया
पावापुरी मेडिकल कॉलेज के नोडल डॉक्टर पुरुषोत्तम का कहना है कि बहुत मुश्किल से मस्जिद से निकाले गये चारों धर्म प्रचारकों में से एक का सैम्पल जांच के लिए लिया जा सका है और उसे पटना भेजा गया है। इस व्यक्ति को 102 डिग्री बुखार और सर्दी-खांसी है। शेष तीनों में कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण अभी तक नहीं मिले हैं