बिहारशरीफ के लहेरी थाना इलाके में करीब तीन घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। महिलाओं ने हाथों में झाड़ू लेकर पुलिस प्रशासन की टीम को दौड़ाया। महिलाओं के गुस्से को देखते हुए पुलिस प्रशासन को बैरंग वापस लौटना पड़ा।
बुलडोजर लेकर पहुंची थी टीम
बीडीओ-सीओ के नेतृत्व में प्रशासन की टीम सोमवार को शहर के लहेरी थाना क्षेत्र की मदरसा गली में 9 मकानों को खाली करवाने गयी थी। ट्रिब्यूनल कोर्ट के आदेश पर इन घरों को गैरकानूनी घोषित किया गया है। इन्हें तोड़ने के लिए बकायदा जेसीबी मशीन की भी व्यवस्था थी। लेकिन, लोगों ने जमकर इसका विरोध किया। महिलाओं ने झाड़ू लेकर पुलिस-प्रशासन की टीम को खदेड़ दिया। करीब 3 घंटे के हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा।
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किनके किनके मकान अवैध घोषित किए गए हैं
दरअसल, ये विवाद 3 एकड़ 6 डिसमिल जमीन का है।ये जमीन सोगरा वक्फ बोर्ड की है। जिस पर 22 मकान बने हैं। फिलहाल अभी 9 मकानों को हटाने का आदेश दिया गया है। जिसमें अरुण कुमार, संजय सिंह, अजय कुमार, तारा देवी, सुनील प्रसाद, जानकी शर्मा, रोमा देवी, वासुदेव महतो और राजाराम साह के मकान हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो मुख्य विवाद प्लॉट नंबर 222 का है।
25 साल से मकान बनाकर रह रहे हैं लोग
करीब 25 सालों से लोग मकान बनाकर रह रहे हैं। इनके पास जमीन खरीद के कागजात के अलावा अंचल से कटने वाला रसीद भी है। नगरपालिका से नक्शा पास करवाकर मकान बनाया है। बिजली का कनेक्शन समेत अन्य सुविधाएं इन्हीं कागजों की बदौलत मिलीं। लोगों का आरोप है कि अक्टूबर महीने में उन्हें एसडीओ के माध्यम से ट्रिब्यूनल कोर्ट का नोटिस दिया गया। इसमें मकान खाली करने का आदेश था। कोर्ट के आदेश के अनुसार जिस जमीन पर वे रह रहे हैं किसी और की है। लोगों का कहना है कि नोटिस के बाद मकान मालिकों ने भी हाईकोर्ट में केस किया है।
जब प्रशासन को हुआ सच से सामना
अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस प्रशासन को सच का सामना भी करना पड़ा। लोगों ने पूछा कि 20 साल से परिवार के साथ मकान बनाकर रह रहे हैं। उनके पास तमाम कागजात हैं। जीवनभर की पूंजी लगाने के बाद मकान बना है, अब कहते हैं गैरकानूनी है। जब इसकी रजिस्ट्री हुई थी तब प्रशासन कहां था।