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नालंदा में सदर पीएचसी के चिकित्सक के कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आते ही जिले में खलबली मच गयी है। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी सकते में हैं।
200 लोगों का सैंपल लिया गया
बिहारशरीफ में सरकारी डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 200 से ज्यादा लोगों का सदर अस्पताल में कोरोना जांच हुआ है. जिसमें नालंदा के डीएम योगेन्द्र सिंह, एसपी नीलेश कुमार, सीएस डॉ. राम सिंह, डीडीसी राकेश कुमार, एसडीओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल समेत तमाम बड़े अधिकारी शामिल हैं. जिले के सभी बीडीओ, सीओ, थानाध्यक्षों के भी सैम्पल संग्रह कर जांच को भेजी गयी। रविवार को सदर अस्पताल से करीब 200 सैम्पल लये गये।
डीएम की सलाह
नालंदा के डीएम योगेन्द्र सिंह ने बताया कि दूसरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाते हैं। लेकिन, खुद ही लापरवाह बन जाते हैं। ऐसे में कोरोना की चेन को तोड़ने की बजाय हमलोग वाहक बन जा रहे हैं। हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग समेत लॉकडाउन की तमाम शर्तों का कड़ाई से पालन करना होगा। अगर थोड़ी-सी भी लापरवाही बरती गयी तो भयानक परिणाम भुगतना होगा।
अफरातफरी का माहौल :
सरकारी महकमा में अफरातफरी का माहौल है। डाक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पत्रकार, प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा आमलोगों तक में इसकी आंच पहुंच सकती है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि संदिग्ध होने के बाद भी वे ड्यूटी कैसे कर रहे थे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी होने के अलावा उन्हें कई अन्य जिम्मेवारियां भी मिली हुई थीं। इसके अलावा हाल ही में अस्पताल में ओपीडी सेवा भी चालू की गयी थी। संक्रमित चिकित्सक खासगंज के कोरोना मरीज के रिश्तेदार बताये जाते हैं।
किन किन लोगों पर ज्यादा खतरा
डॉक्टर के संक्रमित पाये जाने के बाद कई लोग खतरे में पड़ गये हैं। सदर अस्पताल के सभी चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों की जांच की जा रही है। इसके अलावा रोजाना अस्पताल जाने वाले सुरक्षाकर्मी, संविदा पर बहाल अन्य कर्मी, एंबुलेंस चालक। इमरजेंसी और ओपीडी में आये मरीज। पोस्टमार्टम और अन्य कामों से अस्पताल आये पुलिसकर्मी। उनके घर और आसपास के लोग। ये सभी संदिग्ध बन गये हैं। चिकित्सक रामचंद्रपुर के अजंता होटल में बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर के प्रभारी हैं। वहां मौजूद सभी संदिग्ध और अन्य कर्मी। इसके अलावा सर्वे करने वाली आशाओं को ट्रेनिंग देने का जिम्मा भी इसी चिकित्सक पर था। ये सभी जांच के दायरे में आने वाले हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों की भी होगी जांच:
17 अप्रैल को ही बीडीओ, सीडीपीओ समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में संक्रमित चिकित्सक शामिल हुए थे। इसके अलावा आशा, ममता के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सभी बीडीओ, सीडीपीओ, थाना प्रभारियों की जांच करने की कवायद शुरू हो गयी है। यानी पिछले एक सप्ताह में चिकित्सक सैकड़ों लोगों से मिले हैं। ये सैकड़ों लोग कितने लोगों से मिले यह भूसे के ढेर में सूई खोजने के बराबर है। डीएम योगेन्द्र सिंह ने बताया कि यह चेन काफी लम्बी हो सकती है। उनके संपर्क में आये सभी चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों व अधिकारियों की जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उनके सम्पर्क में कौन-कौन आया था।