कोरोना वायरस की 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन लगा. लोगों को घरों से निकलना मना है. घरों से निकलने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में नालंदा में कोरोना और लॉकडाउन से जुड़ी खबरों पर एक नजर
नालंदा में अब तक कोरोना के संदिग्ध
नालंदा जिला में कोरोना के अब तक संदिग्ध मरीजों की संख्या 1543 है. जिनका कोरोना टेस्ट कराया गया है. राहत की बात ये है कि उसमें 1542 लोगों में कोरोना निगेटिव पाया गया है. लेकिन इन लोगों को होम क्वारंटाइन में रहने का आदेश दिया गया है. यानि नालंदा जिला में कोरोना का अब तक कोई भी पॉजिटिव मरीज अस्पताल में नहीं आया है
6 बजे के बाद भी खुलेगी दवा दुकान
नालंदा जिले में दवा को छोड़कर अन्य सभी आवश्यक वस्तुओं की दुकान सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही खोलने का निर्देश दिया गया है। हालांकि दवा की दुकानें शाम छह बजे के बाद भी खुली रहेगी
14 अप्रैल तक कोर्ट बंद
संपूर्ण लॉकडाउन 14 अप्रैल तक किये जाने से कोर्ट का कार्य भी बंद रहेगा। नालंदा जिला अधिवक्ता संघ के सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने बचाव के लिए निर्धारित 14 अप्रैल तक घर में ही रहकर अपने आपको सुरक्षित रखना है। पूर्व में 31 मार्च तक न्यायिक कार्य से संघ ने अलग रखने की सूचना जारी की थी, लेकिन विपरीत परिस्थिति और सरकारी आदेश को देखते हुए यह अवधि बढ़ाकर 14 अप्रैल कर दी गयी है।
श्रवण कुमार ने दिए 50 लाख रुपए
वहीं कोरोना वायरस से निपटने एवं दवा, सेनेटाइजर, मास्क और अन्य उपकरण आदि के खरीद के लिए ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से 50 लाख रुपये की अनुशंसा की है।
कम्युनिटी किचन से नहीं मिट रही भूख
जिला प्रशासन द्वारा शहर के रामचंद्रपुर, करगिल बस स्टैंड और महलपर स्थित रैन बसेरा में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है। जहां गरीबों को सुबह-शाम खाना दिया जा रहा है। लेकिन सामुदायिक किचन में नजदीक के गरीब ही पहुंच रहे हैं। दूरी पर रहने वाले लोग पुलिस पिटाई के डर से नहीं आ पा रहे हैं।
अस्पताल की चक्कर काटता रहा परिवार
लॉकडाउन की वजह से परिजन को बाइक पर लेकर एक युवक सरकारी अस्पताल से लेकर निजी क्लिनिक का चक्कर लगाता रहा। गर्भवती महिला दर्द से कराह रही थी। उसे स्लाइन चढ़ रहा था। बाइक पर बैठी महिला स्लाइन की बोतल पकड़ी हुई थी। इसी बीच बिहारशरीफ के अस्पताल चौराहे पर लॉकडाउन का कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों की इस परेशान परिवार पर नजर पड़ गई। मीडियाकर्मियों की पहल पर रेड क्रॉस सोसायटी के सदस्य अखलाक अहमद ने महिला को पावापुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजवाया।